www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

मैं हमेशा से थोड़ा कामुक रहा हूं: खुशवंत

laxmi narayan hospital 2025 ad

positive India,नयी दिल्ली,
चर्चित लेखक खुशवंत सिंह 98 साल की उम्र में भी शराब एवं लजीज व्यंजनों का आनंद उठा पाने में सक्षम होने की वजह से खुद को भाग्यशाली मानते हैं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख भी है कि वह हमेशा से थोड़े कामुक रहे हैं और उन्होंने महिलाओं को वासना की वस्तु के तौर पर देखा।‘खुशवंतनामा: दी लेसन्स ऑफ माई लाइफ’ नाम की अपनी नयी किताब में इस वरिष्ठ लेखक एवं स्तंभकार ने अपने जीवन और उससे मिली सीखों को शब्दों में ढाला है। उन्होंने बढ़ती उम्र, मौत के डर, यौनाचार के सुख, कविता के सुख एवं हंसी के महत्व और सेवानिवृत्ति के बाद सुखी एवं स्वस्थ्य रहने जैसे विषयों पर अपने अनुभव साझा किये हैं।इस मुद्दों के अलावा खुशवंत ने राजनीति, राजनेताओं और भारत के भविष्य पर भी अपनी राय जाहिर की है।वर्ष 1980 से 1986 तक संसद सदस्य रहे खुशवंत ने लिखा है,अपने 98वें साल में मेरे पास आगे की सोचने के लिये ज्यादा कुछ नहीं बचा है, लेकिन याद करने के लिये काफी कुछ है। मैं अपनी सफलताओं और असफलताओं का एक लेखाजोखा पेश कर रहा हूं।उन्होंने कहा है,मैं इस बात से भी दुखी हूं कि मैं हमेशा से थोड़ा कामुक रहा हूं। महज चार साल की उम्र से लेकर आज 97 साल की उम्र पूरी करने के बाद भी कामुकता हमेशा से मेरे दिमाग पर छायी रही है।अपनी नयी किताब में खुशवंत ने लिखा है,मैं कभी भी उस भारतीय आदर्श को मान नहीं पाया कि महिलाओं को मां, बहन या बेटी के तौर पर देखें। उनकी चाहे जो उम्र रही हो, मेरे लिये वे वासना की वस्तु रहीं और हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह 98 वर्ष की उम्र में रोज शाम सात बजे व्हिस्की का मजा लेने और लजीज व्यंजन खा पाने के कारण खुद को भाग्यशाली मानते हैं।मौजूदा दौर में खुशवंत को जो चीज सबसे अधिक परेशान करती है, वह है देश में दिख रही असहिष्णुता।उन्होंने लिखा,‘हम बुजदिल लोग हैं, जो उन किताबों को जला देते जिन्हें पसंद नहीं करते और कलाकारों को निर्वासित कर उनकी पेंटिंग्स तहत-नहस करते हैं। हम अपने विचारों एवं आदशरें के विपरीत विचार पेश करने वाली इतिहास की किताबों को नुकसन पहुंचाते हैं। हम फिल्मों पर प्रतिबंध लगाते हैं और अपने खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों को पीटते हैं। हम इस बढ़ रही असहिष्णुता के जिम्मेदार हैं और इसे रोकने लिये कुछ नहीं करने वाले लोग भी इसमें शामिल हैं।

Sabhar:bhsha .

Leave A Reply

Your email address will not be published.