महर्षि अरविन्द अध्यात्मिक चेतना के पुंज थे: भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री शामिल हुए ‘‘दी प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड‘‘ कार्यक्रम में
पॉजिटिव इंडिया रायपुर, 08 नवम्बर 2020
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महर्षि अरविन्द अध्यात्मिक चेतना के पुंज थे। हमारे ऋषि मुनियों ने अपने तप और ज्ञान से जो अध्यात्मिक ऊंचाईयां प्राप्त की और जो अनुसंधान किए उनकी चर्चा युगों-युगों से विश्व पटल पर होती रही है और होती रहेगी। महर्षि अरविन्द ऐसी ही महान विभूति थे। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित ‘‘दी प्रोग्रेस ग्लोबल अवार्ड‘‘ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने अरविंदो योगा एन्ड नॉलेज फाउंडेशन द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं और शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने फाउंडेशन द्वारा सम्मानित होने वाले सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। “द प्रोग्रेस“ श्री अरबिंदो योग एवं नालेज फाउंडेशन उच्चशिक्षा की गुणवत्ता के लिए देश, विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों के प्राचार्यों, प्रोफेसर, सहा. प्राध्यापको, शिक्षकों, विद्यार्थियों के लिए अनेक पाठ्यसहगामी क्रियाओं जैसे अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय कार्यशाला, सेमिनार, यूथ कैम्प, एफडीपी जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करती। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिए हम अच्छे नागरिक तैयार नहीं कर सकते, शिक्षक शिक्षा के माध्यम से बच्चों को शिक्षित करने के साथ पूरे समाज को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। श्री बघेल ने कोरोना काल में अध्यात्म के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण कार्य संक्रमण से बचाव करते हुए अपने जीवन को व्यवस्थित करना है। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की मनः स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अनेक लोग अवसाद में आ जाते हैं। जिसका इलाज अध्यात्म के पास है। अवसाद से बचने के लिए ध्यान, योग और व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने आयोजकों के आग्रह पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्य शासन की महत्वाकांक्षी ‘‘नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी‘‘ योजना सहित शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित वैज्ञानिक डॉ. अनिल के. गुप्ता, श्री शंकरचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैंनेजमेनट एण्ड टेकनोलोजी, रायपुर के अध्यक्ष श्री निशांत त्रिपाठी, अरविन्दो फाउंडेशन की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था प्रोग्रेस के प्रबंध संचालक डॉ एस.एम.घोष और चेयरमेन डॉ.बी.के.स्थापक, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर विशेष अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना छत्तीसगढ़ की जीवन रेखा है। आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में इस योजना से मदद मिलेगी। नरवा योजना में हमने सभी नालों के वाटर रिचार्जिंग का कार्य हाथ में लिया है। जंगलों में नालों की वाटर रिचार्जिंग से वनों, वनौषधियों और जैवविविधता के संरक्षण एवं संवर्धन में सहायता मिलेगी। गरवा योजना के अंतर्गत मवेशियों के बेहतर प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के अंतर्गत दो रूपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस योजना के तहत पिछले तीन माह में पशुपालकों और संग्राहकों को अब तक 47 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। इस योजना से लगभग 1 लाख 20 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
श्री बघेल ने कहा कि गोबर के विक्रय से मिलने वाली राशि से पशुपालकों के लिए पशुओं के चारे की व्यवस्था करना आसान हुआ है। मवेशियों को बांध कर रखने से खेत सुरक्षित है। खेतों की फैंसिंग का खर्च बचने से कृषि लागत कम हुई है। पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आई है। उन्होंने कहा कि गोबर से महिला समूह वर्मी कम्पोस्ट बना रहे हैं। इसकी कीमत 8 रूपए प्रति किलो रखी गई है, लेकिन वर्मी कम्पोस्ट 10 से 12 रूपए प्रति किलो की दर पर बिक रहा है। इस काम से महिलाओं को आमदनी का नया जरिया बना है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। जैविक खेती के उत्पादों से रसायन मुक्त अनाज, कृषि और उद्यानिकी फसलों की उपलब्धता बढ़ेगी और कैंसर जैसी बीमारियों में कमी आएगी। पशुओं के बेहतर प्रबंधन से डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में लघुवनोपजों की खरीदी और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत प्रारंभ किए जा रहे 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज गरीब व्यक्ति भी अपने बच्चों को अंगेजी स्कूल में पढ़ाना चाहते हैं। यह भी चाहते है कि आज की प्रतिस्पर्धा के दौर में उनके बच्चे भी किसी से पीछे न रहे। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार 130 करोड़ रूपए की लागत से 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ कर रही है।