Positive India:Yasha Vegad;10 May:
“माँ”
(Mother’s Day Special)
माँ एक शब्द नहीं,
प्रेम का सागर है,
मैं तो हूं छोटी सी गागर,
तू अपार सागर है,
मैं तो हूं एक छोटी सी अल्पविराम,
तू ही है मेरा पूर्णविराम,
तेरे चरणों मे चार धाम बसे,
क्या देव, दानव सभी तुझमें है बसे,
मैं बचपन से तुझ जैसी बना चाहती थी,
मुझे लगता तू कभी रोती नहीं,
बहुत ही खूबसूरत है तेरी जिंदगी,
तू कभी किसी दर्द में रहती नहीं,
जब आया उम्र का वो पड़ाव,
हुई बिदा मेरी डोली,
रखा कदम नई दुनियां में,
सोची होगी अब सिर्फ खुशिया मेरी भी झोली में,
वक़्त बिता समझ आया,
कैसे मुस्कुराती थी तू मेरे लिए,
माँ बनी एहसास हुआ,
नहीं आसान माँ बन पाना,
अब समझती हूँ तुझे,
शायद तुझसे बेहतर,
बन गई माँ अब दोनों ही,
खुश रहती है हर दर्द सहकर,
मुस्कुराती हूं मैं भी तुझे देख कर,
जीती हूं जिंदगी तुझे देकर❤️
Happy Mother’s Day
लेखिका:यशा वेगड-रायपुर (जिंदगी फाउंडेशन)