अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास करवाया
Loksabha passes Citizenship Amendment Bill
Positive India:New Delhi: मोदी सरकार ने एक बड़ी कामयाबी को हासिल करते हुए आज लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पास करवा लिया। मोदी सरकार की तरफ से इस बिल को गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया। कांग्रेस, तृणमूल तथा अन्य विपक्षी पार्टियों के भारी विरोध के बावजूद अमित शाह ने विपक्षियों के एक-एक तर्क का बड़ी सटीकता से जवाब दिया और उन्होंने यहां तक चैलेंज किया कि अगर कांग्रेस यह साबित कर दें कि यह बिल माइनॉरिटी के खिलाफ है या मुस्लिमों के अंश मात्र भी खिलाफ है तो वह यह बिल वापस ले लेंगे।
अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस के इस प्रश्न का जोरदार विरोध किया है कि यह धार्मिकता के आधार पर समुदाय को बांटने वाला है। उन्होंने बोला कि धर्म पर बांटने की राजनीति कांग्रेस करती है और कांग्रेस ने 1947 में धर्म के आधार पर हिंदुस्तान को दो टुकड़ों में बांट दिया; यह काम बीजेपी नहीं करती है। इतना ही नहीं नागरिकता पाने के लिए 11 वर्षों की बजाय अब समय सीमा को नहीं 6 वर्ष कर दिया गया है।
क्या है नागरिकता संशोधन बिल में:
नागरिकता संशोधन बिल के मुताबिक भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान से आए हुए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन तथा बौद्ध धर्म के लोगों को अपने वहां नागरिकता प्रदान करेगा। इसमें वहां के बहुसंख्यक समुदाय यानि मुस्लिम लोग शामिल नहीं है। भारत मुसलमानों को शरणार्थी के रूप में ना उन्हें शरण देगा ना उन्हें नागरिकता प्रदान करेगा।
सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल भारतीय जनता पार्टी का एक अहम मुद्दा रहा है। धारा 370, 35-A को खत्म करने के बाद, राम जन्म भूमि का विवाद समाप्त करने के बाद नागरिकता संशोधन बिल को लोकसभा में पास कराना बीजेपी की बहुत बड़ी जीत है। चूंकि कांग्रेस तथा तृणमूल इसका सीधा विरोध कर रही थी, इसलिए बिल को सीधे पास ना करा कर वोटिंग कराई गई जिसमें पक्ष में 293 वोट पड़े तथा इसके विपक्ष में मात्र 82 वोट पड़े जो यह जाहिर करता है की बहु संख्या इस बिल के साथ थी। शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी का इस बिल पर साथ दिया है पर उसने एक क्लाज लगाने की कोशिश की है कि जितने भी प्रवासी हैं जिन्हें नागरिकता दी जाए परन्तु उन्हें वोटिंग का अधिकार ना दिया जाए।