
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य 99 स्कूलों के नौनिहालों की जान मुसीबत में
सर के ऊपर मासूमों की मौत, नीचे पढ़ाई। क्या सरकार किसी हादसे का इंतजार कर रही है?


Positive India:अंबागढ़ चौकी-एनिशपुरी गोस्वामी।
लाल आतंक से लड़ रहे अंबागढ़ चौकी, मोहला, मानपुर अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में शिक्षा ही एक मजबूत बुनियाद है जिसके बल पर इस पिछड़े क्षेत्र का विकास संभव हो सकता है। परंतु तीनों आदिवासी बाहुल्य विकास खंड के 99 स्कूल ऐसे हैं जहां अध्ययनरत नौनिहालों के सर के ऊपर मौत मडरा रहा है। सालों से जीर्णशीर्ण जर्जर अवस्था में पहुंच चुके विद्या के मंदिरों की दशा ऐसी बन चुकी है जो पढ़ाई कर रहे हैं मासूम बच्चों को काल के गाल में धकेल सकता है।


विशेष:
1-विभाग का इज्जत बचाने जर्जर भवन में रंग रोगन:-
बेहद पुराने सरकारी स्कूल भवन में कांजी हाउस की तरह मासूमों के जान को दांव में लगाकर स्कूल संचालित की जा रही है। जीर्णोद्धार व नये भवन के लिए शासन स्तर पर सालों से मांग रखते हुए स्थानीय स्कूल प्रबंधन समय-समय पर रंग रोगन कर जर्जर भवन को सामने से चमकाते रहते हैं।
2-मौत के बाद खंडहर में भेजने से ग्रामीणों ने किया इनकार:-
विगत 10 दिन पूर्व अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम खुशीटीकुल मे मोहल्ला क्लास के दौरान दूसरी कक्षा के एक बच्चे को अज्ञात जहरीले जीव ने काट लिया जिसके बाद बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई गांव मे स्थित खंडहर में तब्दील हो गए स्कूल में अपने बच्चों को भेजने से ग्रामीणों ने इंकार कर दिया है तब से खुर्सीटीकुल में स्कूल नहीं खुल रहा है।
3-चौकी में 14 स्कूलों को डिस्मेंटल करने का प्रस्ताव:-
अंबागढ़ चौकी विकासखंड के 14 प्राथमिक साला जो अति जर्जर स्थिति में है जिन्हें विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के द्वारा स्कूल भवन के डिस्मेंटल की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें शिक्षा विभाग सालों से मौन बैठा हुआ है इधर जानलेवा भवन में स्कूल संचालित है। इसी तरह अंबागढ़ चौकी विकासखंड में ही 13 अन्य स्कूलों की मरम्मत, मोहला विकास खंड में 20 प्राथमिक शाला 10 माध्यमिक शाला, मानपुर विकासखंड में 42 जर्जर स्कूल भवन के मरम्मत व नए स्कूल भवन का प्रस्ताव सालों से लंबित पड़ा हुआ है।
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के स्कूलों को अनदेखा कर क्या छत्तीसगढ़ का शिक्षा विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?