परमबीर की चिट्ठी के बाद महा विकास अघाड़ी के किले के ध्वस्त होने की आहट
पालघर के साधुओं की आह,सुशांत की मौत,जेहादियों की संगत और राष्ट्रवाद का विरोध अब उस पर बहुत भारी पड़ रहा है
Positive India:Ajit Singh:
महाविकास अघाड़ी के पाप अब उसके सर चढ़ कर बोल ही नही रहें बल्कि चिल्ला रहें है…..पालघर के साधुओं की आह,सुशांत की मौत,जेहादियों की संगत और राष्ट्रवाद का विरोध अब उस पर बहुत भारी पड़ रहा है…..कुर्सी के लालच के लिये अपने पुरखों की बनी हुई छवि को गंवा कर सत्ता सम्हालना अब बाला साहब के कपूत पर बहुत भारी पड़ रहा है….वझे नाम के प्यादे और फंसने पर गुलाटी खाने वाले परमबीर की चिट्ठी के बाद महा विकास अघाड़ी के किले के ध्वस्त होने से पहले उसकी दीवारों मे कंपन और चरचराहट के साथ आपस मे जूतम पैजार की आवाज साफ सुनाई दे रही है…..जैसे जेहादन जा रही है भतीजे के कारण.. जैसे फिरंगन और तोतला नेता गया पप्पू और टोंटी के कारण.. वैसे ही पेग्विन जाने वाला है अपने नशेड़ी,चरित्रहीन पूत के कारण…बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से आय….कटमनी के लिये एंटीलिया की तरफ तिरछी निगाह देखना ही टपोरी नेताओं का काल बन गया है…..अभी तो प्यादे हत्थे चढ़े हैं…अभी तो महा विनाश अघाड़ी के साथ साथउसके मगरमच्छों के बड़े विकेट गिरने बाकी है….देखते जाइये कैसे कुर्सी के लालच और स्वार्थ के लिये लकड़बग्घों के साथ किये गये बेमेल गठबंधन ने दशको से बने पेंग्विन परिवार के रूआब को लील ही नही लिया बल्कि दो कौड़ी का मोहताज बना दिया है..जिसका अनुभव जल्द ही उद्धौ को होने वाला है…….!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)