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केवीआईसी ने सेवा दिवस मनाने के लिए 10 शहरों में 1500 रोजगार सृजित किये

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Posted Date:- Sep 17, 2020
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन को “सेवा दिवस” के रूप में मनाने के लिए भारत के 10 शहरों में लगभग 1500 व्यक्तियों को विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं का लाभ प्रदान किया है। पूर्वोत्तर सीमा पर अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिमी सीमा पर बीकानेर तक और उत्तर में चंडीगढ़ और नई दिल्ली से लेकर दक्षिण में मदुरई और कोयम्बटूर तक केवीआईसी ने स्थानीय रोजगार सृजन के लिए अपनी कल्याणकारी परियोजनाओं के दायरे में विस्तार करने के लिए 14 कार्यक्रम आयोजित किए।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री श्री प्रताप चन्द्र षडंगी ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हस्त-निर्मित कालीन बनाने के लिए 500 कारीगरों के स्फूर्ति (SFURTI) क्लस्टर का उद्घाटन किया। श्री षडंगी ने कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए केवीआईसी की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे भारत के पुनरुत्थान के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि खादी भारत को “आत्मानिर्भर” बनाने में एक बड़ी भूमिका निभा रहा है।
केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में, छह अलग-अलग कार्यक्रमों का शुभारंभ किया। इसमें केंद्रीय जूता प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआई) , आगरा के सहयोग से चमड़े के कारीगरों (मोचियों) के लिए वाराणसी में पहला पादुका प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र शामिल है। उन्होंने प्रोजेक्ट डिग्निटी (DigniTEA) के तहत 6 उन्नतशील साइकल-में फिट चाय/कॉफ़ी बिक्री इकाइयों का वितरण किया जो चाय / कॉफी को स्वच्छता के साथ बेचते हुए चाय-विक्रेताओं को सम्मानजनक आजीविका कमाने में सक्षम बनाएगा।
उन्होंने कुम्हार शक्तिकरण योजना के तहत 300 कुम्हार परिवारों को बिजली चलित चाक और हनी मिशन के तहत 20 किसान परिवारों को 200 मधुमक्खी के बक्से वितरित किए। केवीआईसी अध्यक्ष ने वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक में 6 हाथ से संचालित अगरबत्ती बनाने वाली मशीनों को खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन के तहत वितरित किया। साथ ही अगरबत्ती बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले बांबुसा तुलदा, बांस के 100 पौधे लगाए। इससे अगरबत्ती बनाने के लिए कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता सुनिश्चित होगी। सेवापुरी को नीति आयोग ने विशेष रूप से “प्रेरणादायक जिलों” में से एक के रूप में पहचान की है और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए सेवापुरी में कई परियोजनाएं पहले ही शुरू की जा चुकी हैं।
अरुणाचल प्रदेश के प्राकृतिक रूप से मनोरम चुलियु गांव में, श्री सक्सेना ने राज्य के पहले रेशम प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र का उद्घाटन किया। इससे कारीगरों को स्थानीय रोजगार सृजित होंगे और स्थानीय रेशम के उत्पादन में वृद्धि होगी। केवीआईसी ने रेशम प्रशिक्षण सह उत्पादन केंद्र को विकसित करने के लिए एक जीर्ण-शीर्ण सरकारी स्कूल भवन का नवीनीकरण किया है। स्थानीय लोगों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में पिछले 50 वर्षों में रोज़गार सृजन की ऐसी कोई गतिविधि नहीं हुई थी।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय रोजगार सृजन के लिए सतत विकास केवीआईसी का प्रमुख केंद्र है, जिसे प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता “जॉब टू एवरी हैंड” (हर हाथ में काम) के साथ जोड़ा गया है। “यह माननीय प्रधानमंत्री की प्रेरणा और अपील है जिसने खादी को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। श्री सक्सेना ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि वह खादी को अपना सबसे बड़ा ब्रांड एंबेसडर बनाने के दिशा में नेतृत्व करते रहेंगे।उन्होंने नई दिल्ली, जयपुर और चंडीगढ़ में स्थानीय बेरोजगार युवकों को 6 साइकिल-माउंटेड चाय / कॉफी बेचने वाली इकाइयां भी वितरित कीं।
स्थानीय कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए, केवीआईसी के अध्यक्ष ने राजस्थान के बीकानेर जिले और तमिलनाडु में मदुरै जिले के कोविलपट्टी में नया मॉडल चरखा वितरित किया। इसी तरह, खादी कारीगरों को विपणन के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए, केवीआईसी ने भोपाल में बरखेड़ी और तमिलनाडु के कोयम्बटूर में दो खादी बिक्री केंद्रों का उद्घाटन किया।

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