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कुछ साथी आए थे पीने हाथों में लेकर प्याला

राही की यह मधुशाला

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Positive India:Rajesh Jain Rahi:

कुछ साथी आए थे पीने,
हाथों में लेकर प्याला।
कुछ उलझे थे खास काम में,
चख न सके मीठी हाला।

कुछ ने बढ़कर बड़े प्रेम से,
मुझको गले लगाया था।
कुछ बैठे थे बंद घरों में ,
पा न सके वो मधुशाला।

लेखक:कवि राजेश जैन राही, रायपुर

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