57 साल लंबे इतिहास के हत्यारे के सफेद झूठ का यह सच भी जानिए।
वैक्सीनेशन पर रवीश कुमार के मातम का विश्लेषण।
Positive India:Satish Chandra Mishra:
कल देश के 86.16 लाख नागरिकों को एक दिन में कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की जीवनदायी अभूतपूर्व अविस्मरणीय उपलब्धि से पूरा देश प्रसन्न हुआ। लेकिन लुटियन मीडिया का एक धूर्त सरगना रविशकुमार उर्फ खबर मंडी का निर्मल बाबा भारत के वैक्सीन विज्ञानियों, चिकित्सा विज्ञानियों, डॉक्टरों, नर्सों, तथा उनके सहयोगी अन्य कोरोना वॉरियर्स की इस अविस्मरणीय उपलब्धि को सराहने के बजाए उस उपलब्धि के विरुद्ध विषवमन करने लगा, उस पर मातम करने लगा। उस उपलब्धि को बहुत तुच्छ सिद्ध करने में जुट गया।
लुटियन मीडिया के उस धूर्त सरगना का नाम रविशकुमार है। जिसे मैं खबर मंडी का निर्मल बाबा कहता हूं। उसने कल अपने कार्यक्रम में कहा और अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि… “फ़रवरी 2012 में पल्स पोलियो के तहत एक दिन में 17 करोड़ से अधिक बच्चों को पोलियो की दो बूँद दवा पिलाई गई थी। दस साल बाद गोदी मीडिया के प्रोपेगैंडा और करोड़ों रुपये के विज्ञापन के सहारे सरकार पूरा ज़ोर लगाती है और एक दिन में अस्सी लाख टीके ही लगा पाती है। हो सकता है यह संख्या कुछ और बढ़ कर एक करोड़ तक पहुँच जाए तो भी यह संख्या कितनी मामूली है। पोलियो अभियान की आलोचना करने वाले इसके चरण की धूल भी नहीं छू सके।”
रविशकुमार उर्फ खबर मंडी के निर्मल बाबा को सबसे पहले यह याद दिला दूं कि देश में पोलियो अभियान की आलोचना बहिष्कार तिरस्कार का कुकर्म देश में किसी और ने नहीं केवल उस कट्टरपंथी झुंड ने किया था जो आसमानी किताब का दीवाना है और आज भी इस गलतफहमी में जी रहा है कि धरती गोल नहीं चपटी है। यह अलग बात है कि रविशकुमार उर्फ खबर मंडी का निर्मल बाबा उस झुंड के खिलाफ कभी एक शब्द नहीं बोलता, कल भी नहीं बोला। शेष पूरे देश ने पोलियो वैक्सीन का स्वागत दिल खोलकर किया था।
अब बात कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की तुलना पोलियो वैक्सीन पिलाने से करने की।
रविशकुमार उर्फ खबर मंडी का निर्मल बाबा बाबा भले ही
57 साल लंबे इतिहास की हत्या करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन वह इतिहास दस्तावेजी है और पूरी दुनिया के हर कोने में उसके निशान मौजूद हैं। यह इतिहास गवाह है कि दुनिया में पहली पोलियों वैक्सीन (इंजेक्शन वाली) 1955 में अमेरिका में प्रयोग की जाने लगी थी। 1961 में ओरल वैक्सीन उपयोग की जाने लगी थी। लेकिन इस पोलियो वैक्सीन को भारत पहुंचने में 23 बरस लगे। 1978 में भारत में पहली पोलियो वैक्सीन लगायी गयी। 40 साल बाद 1995 में देश में पल्स पोलियो प्रोग्राम शुरू हुआ। 2012 में एक दिन में 17 करोड़ लोगों को पोलियो वैक्सीन लगा दिए जाने की जो कहानी रविशकुमार उर्फ खबर मंडी का निर्मल बाबा कल सुना रहा था वो दुनिया में पोलियो वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू किए जाने के 57 साल बाद की कहानी है।
जबकि जिस कोरोना वैक्सीन के लगाए जाने की तुलना रविशकुमार उर्फ खबर मंडी का निर्मल बाबा कल कर रहा था उस कोरोना वैक्सीन को भारत केवल 57 हफ्ते में तैयार कर के लगभग 29 करोड़ लोगों को लगा भी चुका है। तथा केवल एक दिन में 86.16 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के विश्व रिकॉर्ड पर भी भारत कब्जा कर चुका है। बहुत जल्दी ही अपना यह रिकॉर्ड भी भारत ध्वस्त कर देगा।
रविशकुमार उर्फ खबर मंडी के निर्मल बाबा को यह याद दिलाना बहुत जरूरी है कि भारत के वैक्सीन विज्ञानियों, चिकित्सा विज्ञानियों, डॉक्टरों, नर्सों, तथा उनके सहयोगी अन्य कोरोना वॉरियर्स यह सब कुछ हासिल करने में 57 बरस के बजाए केवल 57 हफ्ते का समय लगा है।
ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि नरेन्द्र मोदी है तो कुछ भी सम्भव है।
अतः रविशकुमार उर्फ खबर मंडी का निर्मल बाबा भलीभांति यह जान समझ ले कि यदि कोरोना वैक्सीन 57 साल पहले आ चुकी होती तो 135 करोड़ देशवासियों को वह वैक्सीन केवल एक दिन में ही लगायी जा चुकी होती। देश के प्रधानमंत्री में यह दम है। इसीलिए देश ही नहीं पूरी दुनिया यह मानती है कि…
“मोदी है तो मुमकिन है।”
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार है)