केन्द्रीय बिजली मंत्री ने सहरसा, बिहार में किशनगंज-दरभंगा 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन के लीलो निर्माण की आधारशिला रखी
यह परियोजना सुपौल, खगडि़या और बेगूसराय जिलों के साथ सहरसा में बिजली की स्थिति में सुधार करेगी
Positive India: Delhi; Sep 14, 2020.
केन्द्रीय बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर.के. सिंह ने वर्चुअल कार्यक्रम के जरिये बिहार के सहरसा जिले में किशनगंज-दरभंगा 400 किलोवाट की ट्रांसमिशन लाइन के लीलो निर्माण के आधारशिला रखी। 100 करोड़ रूपये की परियोजना के लिए निष्पादन एजेंसी बिजली मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का एक केन्द्रीय उपक्रम, पावरग्रिड लिमिटेड है।
सिंह ने पावरग्रिड के प्रयासों के लिए उसकी प्रशंसा करते हुए कहा कि महारत्न ने हर राज्य और क्षेत्र विशेष रूप से बिहार को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतर-क्षेत्रीय ट्रांसमिशन प्रणाली ने बिहार को सस्ती दरों पर अन्य राज्यों से बिजली की आपूर्ति में मदद की है। उन्होंने कहा कि किशनगंज-दरभंगा 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन परियोजना के पूरा होने पर, सुपौल, खगड़िया और बेगूसराय जिलों सहित सहरसा जिले में बिजली की स्थिति में सुधार होगा। उत्तर बिहार की कम वोल्टेज की समस्या काफी हद तक हल हो जाएगी और ऊपर के जिलों को बिजली की पक्की व्यवस्था से लाभान्वित किया जाएगा।
सहरसा बिहार के अंतिम उत्तरी भाग में स्थित है और नेपाल से पानी की आवक के कारण बाढ़ उन्मुख क्षेत्र है। उत्तर बिहार क्षेत्र में बिजली की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए, सहरसा में पावरग्रिड द्वारा एक 400/220/132 केवी सबस्टेशन की स्थापना की जा रही है। सबस्टेशन को 400 केवी किशनगंज-पटना लाइन के माध्यम से पटना और किशनगंज के साथ जोड़ा जाएगा। किशनगंज और पटना दोनों सहरसा से बहुत दूर हैं और कई महत्वपूर्ण नदी पार स्थानों के कारण ट्रांसमिशन लाइन अतिसंवेदनशील है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने उत्तर बिहार के बिजली परिदृश्य का अध्ययन किया और दरभंगा के साथ सहरसा 400 केवी सबस्टेशन के लिए अतिरिक्त कनेक्शन प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इसी को किशनगंज दरभंगा लाइन के लीलोके निर्माण से हासिल करने की योजना है।