Positive India:Rajesh Jain Rahi:
कटुता की भावना से, हल नहीं निकलेगा,
रंग प्रेम वाला आप, हो सके लगाइए।
गुमराह हो गए हैं, कुछ लोग अपने भी,
राह न्याय वाली आप, उनको दिखाइए।
कर्म रहे नेक वाला, मर्म हो विवेक वाला,
झूठ आये बहकाने, झाँसे में न आइये।
भारती का हित सदा, सर्वोपरि हो सभी से,
जय हिंद बोलकर, गले लग जाइए।
लेखक:कवि:राजेश जैन राही, रायपुर