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कर्नाटक के असंतुष्ट विधायकों के मुम्बई में होने की कोई जानकारी नहीं :

भाजपा, कांग्रेस का पलटवार

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Positiveindia: Mumbai
(भाषा) भाजपा की महाराष्ट्र ईकाई ने रविवार को दावा किया कि उसे कर्नाटक के कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन के 10 असंतुष्ट विधायकों के मुम्बई में होने की कोई जानकारी नहीं है, जबकि भगवा दल के एक नेता को उस होटल में देखा गया जहां विधायक ठहरे हुए हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह कर्नाटक में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई कांग्रेस- जद (एस) की सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है और लोकतंत्र की ‘‘हत्या’’ करने के लिए भगवा दल शासित राज्यों में सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है।कर्नाटक की सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस सरकार शनिवार को गठबंधन के 13 विधायकों के अचानक इस्तीफा देने के बाद संकट में आ गई। इन विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा है।उनसे जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस्तीफा देने के बाद ये 10 विधायक एक चार्टर्ड विमान से शनिवार रात मुम्बई पहुंचे, जहां वे एक होटल में हैं।महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा,कर्नाटक के किसी विधायक की मुम्बई में मौजूदगी के बारे में हमें जानकारी नहीं है। इस घटनाक्रम से हमारा कोई लेना- देना नहीं है।
बहरहाल, कर्नाटक कांग्रेस के विधायक महेंद्र सिंघी और महाराष्ट्र के भाजपा विधायक प्रसाद लाड को रविवार की सुबह यहां एक होटल में देखा गया था।
सिंघी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने कांग्रेस के विधायक रमेश जरकीहोली से मुलाकात की और विधानसभा छोड़ने के कारणों से उन्हें अवगत कराया।
सिंघी ने कहा,हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री के लौटते ही यह मुद्दा सुलझा लिया जाएगा।वहीं लाड ने होटल में अपनी मौजूदगी के सवाल पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।उन्होंने कहा,मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता और मुझे मीडिया से इसकी जानकारी मिली । मैं भाजपा के सदस्यता अभियान में व्यस्त हूं।वहीं अशोक चव्हाण ने आरोप लगाए कि भाजपा नेतृत्व तानाशाही मानसिकता के साथ काम कर रहा है और विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों को काम नहीं करने देना चाहता।उन्होंने आरोप लगाए,उनका एकमात्र एजेंडा किसी भी तरीके से विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारों को गिराना है जिसमें सरकारी मशीनरी का सहारा लेना भी शामिल है। भाजपा ने इसी तरीके से गोवा, बिहार, अरूणाचल प्रदेश और मणिपुर में सत्ता हासिल की। अब उनका ध्यान पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पर है।
कर्नाटक के सत्तारूढ़ दल के दस असंतुष्ट विधायकों की मुंबई में मौजूदगी का हवाला देते हुए चव्हाण ने कहा कि लोगों के मुद्दों का समाधान करने के बजाए महाराष्ट्र की भाजपा नीत सरकार दक्षिणी राज्य में सरकार को गिराने के लिए काम कर रही है।जद(एस) के बागी विधायक एएच विश्वनाथ ने शनिवार को पत्रकारों से कहा था, कांग्रेस और जद(एस) के 14 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।बहरहाल, कर्नाटक विधानसभा सचिवालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 13 विधायकों ने ही अपने दस्तावेज जमा कराए हैं।इनके इस्तीफा देने से पहले कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 118 विधायक थे। इसमें स्पीकर के अलावा कांग्रेस के 78 विधायक, जद(एस) के 37 विधायक, बसपा का एक विधायक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।कर्नाटक विधानसभा में भाजपा के 105 विधायक हैं।

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