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कमल हसन कौन होते है हिन्दू धर्म के साथ आतंकवाद को जोड़ने वाले

कमल हसन ने बहुसंख्यक वर्ग के भावनाओ को आहत किया है उसके लिए माफी मांगे।

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Positive India:Dr.Chandrakant Wagh: कमल हसन ने स्वाधिनता के बाद आतंकवाद की शुरुआत स्व. नाथूराम गोडसे से शुरू किया, जिसको उन्होंने हिंदू आतंकवाद का चेहरा बता डाला । कमल हसन जी इसी बात से शुरूआत करते है । पहले कमल हसन, किसी एक घटना के नाम से पूरे हमारे धर्म को ही कटघरे मे खड़ा करने का अधिकार किसने दिया है? इस तरह की सोच से अगर वोट की फसल दिखाई देती है तो ऐसे कुत्सित सोच को धिक्कार है । अगर हिम्मत है तो यही बात दूसरे धर्म के लिए भी करके देखे। जो बंदा अपने व्यक्तिगत जीवन मे गिरा हुआ हो (हालांकि यह बात बोलनी नही चाहिए, न लिखनी चाहिए पर जब वो मेरे धर्म को वोट के नाम से बदनाम करे तो उसे भी किसी सम्मान की अपेक्षा करना व्यर्थ है)। जिसने तीन तीन
शादिया कर उन्हे उनके किस्मत पर छोड़ दिया; वो बंदा राजनीति मे आकर आदर्श की बात करे, शोभा नही देता। ये स्वार्थी किस्म के लोग होते है जो अपने फायदे के लिए किसी भी गर्त तक जा सकते है । इन्हे न देश, न प्रदेश किसी की भी चिंता नही है । इन्हे मतलब है तो अपनी सियासत से, इसके लिए ये किसी भी हद तक जा सकते है । एक बात और जब आप फिल्म करते है तो स्क्रिप्ट पढकर रोल अदा करते है। वैसे ही राजनीति मे भी पहले आप जिस बात पर भाषण दे रहे है और चर्चा कर रहे है पहले उसके घटना क्रम के बारे मे पूर्ण जानकारी होनी चाहिए । उसके बाद इन घटनाक्रम का उल्लेख करना चाहिए । अधूरा ज्ञान कभी भी सियासत के लिए के लिए ठीक नही है । नाथूराम गोडसे के बारे मे आप क्या जानते है ? कभी गांधी हत्याकांड मे दिये गये फैसले को कभी भी आपने पढ़ा है ? एक बार हिम्मत है तो उस फैसले के बारे मे पूर्ण रूप से पढ़ ले। कहां उसमे पहला हिंदू आतंकवाद शब्द का उल्लेख हुआ है? दूसरा अभी न्यायालय द्वारा गोडसे के भाई गोपाल गोडसे ने एक लंबी न्यायालयीन लड़ाई मे जीतकर उस पर ‘ गांधी हत्या और मै ‘ पर बंदिश हटाई । उसे भी एक बार पढ़ लेना चाहिए था । मेरा तो मानना है कि अगर गोडसे ने गांधी जी को मारा है तो उनकी सिर्फ शारीरिक मृत्यु हुई थी । जिसमें उन्हे अमरत्व प्राप्त हो गया । पर दुर्भाग्य से आपकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा व दूसरे दलों व नेताओं ने गांधी जी को वैचारिक रूप से मारा है जो उससे भी ज्यादा दुखद है । आज देश मे गांधी जी की विचारधारा का ये हाल है कि गांधी जी सिर्फ चुनाव लड़ने का एकमात्र हथियार बन कर रह गये है । कितने लोग है जो सत्य के मार्ग पर चल रहे है? कुल मिलाकर सभी दलो के लिए अब गांधी जी की विचारधारा का कोई महत्व नही रह गया है । गांधीजी को जितना नुक्सान सभी दलो के नेताओं ने किया है ,असल मे ये लोग ज्यादा अपराधी है । एक बात और कमल हसन साहब, गांधी जी ने मृत्यु के पहले ही अपनी तरफ से गोडसे को माफ कर दिया था । फिर हसन कौन होते है हिन्दू धर्म के साथ आतंकवाद को जोड़कर दिखाने वाले? कमल हसन ने गांधीजी के साथ भी अन्याय किया है ,क्योंकि गांधीजी भी सनातनी हिंदू थे । क्या कभी इस पर विचार किया है ? नेताओ के पास इतना समय कहा है? कुल मिलाकर, अब इन लोगो की जवाबदेही तय होनी चाहिए । ” जो मुँहमें आया बक दिया ” जैसी स्थिति नही होनी चाहिए । कमल हसन ने बहुसंख्यक वर्ग के भावनाओ को आहत किया है उसके लिए माफी मांगे । कुल मिलाकर यह देश के लोकतंत्र का दुर्भाग्य है कि यहा गैर जिम्मेदाराना नेताओ की बाढ़ सी आ गई है, जो सिर्फ चर्चित होने के लिये किसी भी सीमा तक जा सकते है । जिसमे एक कमल हसन भी है । लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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