कल तक के सुशासन बाबू संगत बदलते ही कुशासन की ओर क्यों अग्रसर हो चले हैं?
-अमिताभ राजी की कलम से-
Positive India:Amitabh Raji:
अच्छे भले आदमी के चरित्र में दाग लगाने वाली मशीन अगर हो सकती है कुछ पार्टियों के पास, तब सवाल तो बनता है कि किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के पास भ्रष्ट आदमी के दाग धोने वाली मशीन क्यों नहीं हो सकती ?
आमतौर से किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री के बदलने से वहां की स्थिति में अच्छा या बुरा परिवर्तन हो जाता है लेकिन बिहार का वर्तमान नजारा एक अलग बात साबित कर रहा है।
जो लोग पूछते थे कि #भाजपा पर ऐसी कौन सी वाशिंग मशीन है जो उसकी पार्टी में शामिल होने वाले हर भ्रष्ट नेता के दाग धो देती है, उन्हें #वर्तमान_बिहार देखकर अपने प्रश्न का उत्तर मिल जाना चाहिए।
बिहार में आज भी मुख्यमंत्री वही है जिसे कभी #सुशासन_बाबू कहा जाता था, लेकिन भाजपा को छोड़कर #आरजेडी की संगत में आते ही बिहार की फिजा बदलने लगी है।
उनकी इस दूसरी पारी की शुरुआत होते ही एक छात्रा की दिनदहाड़े हत्या कर दी जाती है, दुस्साहसिक रुप से एक बैंक लूट लिया जाता है, एक डीएसपी को उनके ऑफिस में ही थप्पड़ जड़ दिया जाता है, और अभी कल बेगूसराय में बेखौफ अपराधियों को हाईवे पर 30 किलोमीटर तक आम लोगों पर फायरिंग करते हुए खौफ का माहौल दोबारा पैदा करने का प्रयास करते हुए हम सभी ने देखा, जिसमें एक आम आदमी की जान गई और अनेकों लोग घायल भी हो गए।
कल तक के सुशासन बाबू संगत बदलते ही कुशासन की ओर अग्रसर हो चले हैं।
इस संदर्भ में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किसी भी दल में दिखाई देने वाली मुख्य चीज भले ही उस दल के #नेता होते हों, लेकिन वास्तव में नेता से अधिक उस दल की #नीतियां महत्वपूर्ण होती है।
नीतियों का असर प्रत्येक नेता पर कमोबेश होता ही है, दल की नीतियां, #खाओ_और_खाने_दो वाली हों, तो नेता भी वैसे हो जाते हैं और दल की नीतियां #ना_खाऊंगा_ना_खाने_दूंगा वाली हों, तो बाहर से आने वाले नेताओं को भी धीरे धीरे चाहे खुशी से चाहे विवशतावश, वैसा ही हो जाना पड़ता है।
अलग नीतियों वाली पार्टी के साथ मिलकर जैसे कल शिवसेना अपना अस्तित्व संकट में डाल चुकी है, वैसे ही जेडीयू भी नितीश कुमार की महत्वाकांक्षाओं के कारण अपना वजूद खोने की ओर अग्रसर है।
बहरहाल भाजपा के पास वाशिंग मशीन है या नहीं है यह तो आप खुद तय कर लीजिएगा लेकिन इतना मैं आपको दावे से कह सकता हूँ कि भाजपा के पास धोबी जरूर हैं, सबका नंबर आएगा, सब धुलेंगे बारी बारी 😊
साभार:अमिताभ राजी-(ये लेखक के अपने विचार है)