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कोरोना लाकॅडाउन के बीच जिंदल स्टील को मिली बड़ी कामयाबी

जेएसपीएल फ्रांस को करेगी रेल ब्लूम का निर्यात

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Positive India:New Delhi:17 April:
देश में तेजी से फैल रही कोविड-19(COVID-19) महामारी के कारण लॉकडाउन(Lockdown) के बावजूद नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) को बड़ी कामयाबी मिली है। देश में हेड हार्डेंड रेल की इकलौती और निजी क्षेत्र की एकमात्र रेल निर्माता कंपनी जिंदल स्टील को रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) से कोलकाता मेट्रो कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए 2308 मेट्रिक टन हेड हार्डेंड रेल आपूर्ति का ऑर्डर मिलने के बाद फ्रांस से भी 12 हजार टन विशिष्ट रेल ब्लूम सप्लाई का ऑर्डर मिला है। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी जिंदल स्टील के प्रोडक्ट्स में रुचि दिखाई है और उन राष्ट्रों से भी कंपनी को शीघ्र ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।

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जे.एस.पी.एल.(JSPL) के प्रबंध निदेशक वीआर शर्मा ने पूरी टीम को इस सफलता का श्रेय देते हुए कहा, “राष्ट्र निर्माण के प्रति निष्ठा और समर्पण की कंपनी की नीतियों के कारण यह संभव हुआ है। कंपनी के चेयरमैन नवीन जिन्दल(Navin Jindal) के दूरदर्शी नेतृत्व में जेएसपीएल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्यात संबंधी संकल्प को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने का प्रयास कर रही है।“ उन्होंने स्टील उत्पादन को आवश्यक वस्तु अधिनियम में रखे जाने के लिए भी इस्पात मंत्री का आभार जताया। वीआर शर्मा ने प्रधानमंत्री की “मेक इन इंडिया” पहल को गेम चेंजर बताते हुए कहा कि इस्पात मंत्रालय और रेल मंत्रालय ने स्टील कंपनियों को जो कारगर रोडमैप दिया है, उसके लिए हम पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान के आभारी हैं। यह सरकार के प्रोत्साहन से ही संभव हुआ है कि स्टील के जिन ग्रेड्स का आज तक आयात किया जाता था, उसे हम देश में ही बनाने लगे हैं। जिंदल स्टील विश्वास दिलाती है कि वह अपने अनुसंधान और परिश्रम के बल पर सभी ग्रेड के स्टील बनाने में सक्षम है और घरेलू ग्राहकों को विश्व स्तरीय क्वालिटी के प्रोडक्ट उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि फ्रांस से 12 हजार टन विशिष्ट रेल ब्लूम का ऑर्डर मिला है, जिसकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही जेएसपीएल फ्रांस रेलवे के नियमित सप्लायरों की सूची में आ गई है। अब फ्रांस से नियमित रूप से ऑर्डर मिलते रहेंगे। वीआर शर्मा ने कहा कि जेएसपीएल इनोवेशन में विश्वास करती है और रेल सेक्टर में अनेक सफल प्रयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि फ्रेट कॉरिडोर और देश में बढ़ती मेट्रो की मांग को देखते हुए जेएसपीएल ने रेल मंत्रालय के अधीन कार्यरत रिसर्च डिजायंस एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) का प्रमाणपत्र मिलने के बाद 1080 एचएच (हीट ट्रीटेड) ग्रेड पटरियों का उत्पादन शुरू किया, जिसका पहला ऑर्डर (2308 टन) रेल विकास निगम लिमिटेड से मिला है। हम इसकी आपूर्ति इसी महीने से शुरू कर देंगे। रेलवे की मांग को देखते हुए जेएसपीएल अब विशेष आर 260 ग्रेड की पटरियां भी बनाने जा रही है जो प्रति डिब्बे वर्तमान 64 के मुकाबले 75 टन भार सहने की क्षमता वाली होगी।

हेड हार्डेंड रेल का इस्तेमाल मेट्रो रेल और तेज गति वाली फ्रेट कॉरिडोर में होता है क्योंकि इन ट्रेनों में न सिर्फ अधिक भार होता है बल्कि ये मार्ग अपेक्षाकृत अधिक व्यस्त होते हैं और पहिये-पटरियों के बीच घर्षण भी ज्यादा होती है। इसके अलावा इन ट्रेनों की गति अचानक बढ़-घट जाती है और बार-बार ब्रेक लेने की नौबत आती है इसलिए हेड हार्डेंड रेल को फौलाद की तरह बनाया जाता है ताकि पटरियों के पिघलने, टूटने की गुंजाइश न रहे।

हेड हार्डेंड रेल का निर्माण विशेष हीट ट्रीटमेंट प्रक्रिया से किया जाता है जिस कारण सामान्य रेल पटरियों के मुकाबले लगभग 50 फीसदी अधिक कठोरता इसमें आ जाती है, जो मेट्रो रेल और मालगाड़ियों, दोनों के लिए आवश्यक होती है और जिससे हादसे की आशंका न के बराबर रह जाती है।

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