झूठ को बचाने लोग, सड़कों पे आ गए।
नागरिकता कानून पर शायरों के दोगलापन रवैए पर राही के तीर.
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
सत्य मेरे देश में न, जाने कहाँ गुम हुआ,
झूठ को बचाने लोग, सड़कों पे आ गए।
नेता कुछ ऐसे हैं जो, खादी तो पहनते हैं,
बाँट रहे देश आज, बैरियों को भा गए।
कुछ दबे पाँव कुछ, खुलेआम बिकते हैं,
कुछ हैं खामोश कुछ, नीतियों को खा गए।
कुछ ऐसे शायर भी, मुझको दिखे हैं आज,
आगे बढ़ कर काला ,चेहरा दिखा गए।
राजेश जैन राही, रायपुर