जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को मिली उम्र कैद
- देवेंद्र गुप्ता की कलम से-
Positive India:Devendra Gupta:
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक भारत का पहला आतंकवादी है जिसे 3 फरवरी 2006 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ प्रधानमंत्री आवास में डिनर करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
यासीन मलिक पर मोदी सरकार आने के बाद NIA ने 30 मई 2017 को यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था तथा 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी।
आज दो मामलों में यासीन मलिक को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई हैं। हमें उम्मीद है निर्दोषों का खून बहा,जम्मू कश्मीर को अशांत कर, भारत के टुकड़े करने की साजिश रचने वाले इस इस आतंकवादी को फांसी की सजा भी जल्द मिलेगी।
साभार: देवेंद्र गुप्ता-(ये लेखक के अपने विचार हैं)