जम्मू और कश्मीर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 11,517 किलोमीटर लंबी 1858 सड़कों और 84 पुलों का निर्माण कार्य पूरा हुआ
पीएमजीएसआई के अंतर्गत लद्दाख में जुलाई 2020 तक 699 किलोमीटर लंबी 96 सड़कों और 2 पुलों का काम पूरा
Positive India: Delhi; 18 August 2020.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, भारत की 2001 की जनगणना के आधार पर असंबद्ध बस्तियों को जोड़ने के लिए सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। संघ शासित जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख में, 250 से ऊपर की आबादी की सभी असंबद्ध बस्तियां कार्यक्रम के अंतर्गत इसकी पात्र हैं। संघ शासित जम्मू और कश्मीर में 19,277 किलोमीटर लंबी 3,261 सड़कों और 243 पुलों को मंजूरी दी गई, जिनमें से 11,517 किलोमीटर लंबी 1858 सड़कों और 84 पुलों को पूरा किया जा चुका है। इसी तरह, संघ शासित प्रदेश लद्दाख में, 1207 किलोमीटर लंबी 142 सड़कों और 3 पुलों को मंजूरी दी गई, जिसमें से 699 किलोमीटर लंबी 96 सड़कें और 2 पुल जुलाई 2020 तक पूरे हो चुके हैं। जम्मू कश्मीर में 2,149 असंबद्ध बस्तियों को जोड़ने के कार्यों की मंजूरी दी गई थी, जिनमें से 1,858 बस्तियों को जोड़ा जा चुका है। लद्दाख में, 65 पात्र बस्तियों के काम को मंजूरी दी गई थी और 64 बस्तियों को जुलाई 2020 तक जोड़ा जा चुका है।
वन विभाग से मंजूरी न मिलने के कारण अगस्त 2019 तक बड़ी संख्या में स्वीकृत सड़क कार्य शुरू नहीं हो सके। हालांकि, इस तरह के लंबित मामलों की पर्याप्त संख्या को हल कर दिया गया है, और पिछले एक साल के दौरान शासन प्रणाली में बदलाव के साथ काम सौंपा जा चुका है और शुरू कर दिया गया है। पिछले एक वर्ष के दौरान, 1,292 किलोमीटर लम्बाई वाली 181 सड़कों और 11 पुलों का काम पूरा हो चुका है जिन पर 715 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत सड़क के विकास के अच्छे उदाहरणों के रूप में दो मामलों को प्रस्तुत किया गया है।
टी 03 से स्टोक (पीएमजीएसवाई लेह) तक लिंक रोड का उन्नयन
लंबाई: 11.70 किलोमीटर, स्वीकृत लागत: 1299.78 लाख रुपये
लेह जिले में स्टोक गाँव के लिए प्रस्तावित सड़क, चोगलामसर हेमिस सड़क के 2 किमी दूर से, स्टोक गाँव के लिए शुरु होगी जिसकी लम्बाई 11.70 किलोमीटर है जिससे 2001 की जनगणना के अनुसार, 1855 की जनसंख्या को लाभ मिलेगा। इस योजना को वर्ष 2018-19 (चरण XII) में पीएमजीएसवाईएस-I के तहत स्वीकृति दी गई थी। पहले की सड़क क्षतिग्रस्त हालत में थी और प्रत्येक मौसम में चलने लायक सड़क के रूप में काम नहीं कर रही थी। इस सड़क का निर्माण पूरे लेह जिले में पहली बार प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके किया जा रहा है। इस तकनीक में, बेकार प्लास्टिक को कटे हुए रूप में उपयोग किया जाता है, और गर्म एग्रीगेट्स पर गर्म मिक्स प्लांट में डाल दिया जाता है। प्लास्टिक गर्म होकर पिघल जाता है। गर्म कोलतार के साथ कोटिंग होने से पहले गर्म एग्रीगेट्स पर कोटिंग हो जाती है। इस तकनीक से प्लास्टिक कचरा कम होगा और एग्रीगेट्स जल अवशोषण को कम करके सड़क की फुटपाथ संरचना को भी मजबूत करेंगे। यह परियोजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। बिटुमिनस सतह स्तर तक 7 किलोमीटर लंबाई पर काम पूरा हो चुका है और शेष लंबाई पर कार्य प्रगति पर है और यह अक्टूबर-2020 तक पूरा हो जाएगा। सड़क के उन्नयन से, स्टोक गांव के निवासी प्रत्येक मौसम में निकटतम बाजार के साथ जुड़ सकेंगे, जिससे वहां रहने वाले लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। गर्मियों के दौरान, हजारों पर्यटक रॉयल पैलेस में संग्रहालय, स्टोक मठ देखने के लिए जाते हैं और स्टोक कांगड़ी के लिए शुरूआती ट्रेक मार्ग लेते हैं जो पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख है