जनसेवा के प्रति ललक विधानसभा सदस्यों को एक अच्छा जनप्रतिनिधि बनाएगी: विधानसभा अध्यक्ष
सदन के नए सदस्यों और महिला सदस्यों ने सदन की कार्रवाई में सक्रिय भागीदारी की: मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र संपन्न
Positive India: Raipur , 20 July ,
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आज रात संपन्न हो गया। विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत ने सत्र के समापन के अवसर पर कहा कि सत्र के दौरान सभी सदस्यों ने विशेष रूप से नए सदस्यों ने भी संसदीय कार्यों में गहरी रुचि और जन सेवा के कार्यों में अपनी ललक दर्शाई, यही ललक उन्हें आने वाले समय में एक अच्छा जनप्रतिनिधि साबित करेगी। महंत ने सदन के नेता भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष सहित सभी सदस्यों को सदन की कार्यवाही के संचालन में दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का विशेष रूप से आभार प्रकट करते हुए कहा कि विपरीत पारिवारिक परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने सदन में पूरे समय उपस्थित रहकर अपने संसदीय दायित्वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन किया। मुख्यमंत्री की अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा सभी के लिए अनुकरणीय है। महंत ने बताया कि प्रदेश के लगभग 5200 नागरिकों ने इस सत्र के दौरान कार्रवाई का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित पक्ष विपक्ष के सभी सदस्यों द्वारा सदन की कार्यवाही के संचालन में दिए गए सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सदन में अनेक अनुभवी सदस्य उपस्थित हैं, उनके अनुभवों का लाभ छत्तीसगढ़ को मिल रहा है। राज्य सरकार के मंत्रियों ने भी सभी विषयों पर अच्छी तैयारी कर सभी को संतुष्ट करने का प्रयास किया। नए सदस्यों ने भी सराहनीय प्रदर्शन किया। सदन की महिला सदस्यों ने भी बढ़-चढ़कर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया। बघेल ने कहा कि सत्र के दौरान अनेक बार उतार-चढ़ाव आए लेकिन पक्ष-विपक्ष के सहयोग से कुशलता पूर्वक संसदीय कार्य संपन्न हुए। उन्होंने भी राज्य शासन, विधान सभा सचिवालय के अधिकारियों कर्मचारियों, सुरक्षा बलों के अधिकारियों कर्मचारियों और मीडिया प्रतिनिधियों को भी धन्यवाद दिया। समापन के अवसर पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक सर्व धर्मजीत सिंह, केशव चंद्रा, अजय चंद्राकर और कुंवर सिंह निषाद ने भी अपने विचार प्रकट किए।