Positive India:Raipur;27 April 20:
आखा तीज के पावन अवसर पर संपूर्ण भारतवर्ष के तपस्वियों का सामूहिक अभिनंदन समारोह इस लॉकडाउन पीरियड में प्रथम बार डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया। ऑन लाइन वर्षीतप आयोजन का संयोजन एवं एक सूत्र करने का ऐतिहासिक प्रयास सीए प्रेम चोपड़ा एवं उनकी टीम द्वारा किया गया; जिसमें सम्पूर्ण भारतवर्ष से भारी संख्या में लोगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया । कार्यक्रम की शुरुआत गुरु भगवंतो के मंगलाचरण एवं जिनवाणी के साथ की गई । जिसने परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री पियूष सागर जी महाराज साहब , परम पूज्य युवा मनीषी श्री मनीष सागर जी महाराज, परम पूज्य श्री मृगावती श्री जी महाराज ने जन समुदाय को जिनवाणी का श्रवण कराया। गुरु भगवंतों द्वारा वर्षी तप का माहात्म्य प्रकट किया गया । इस डिजिटल सामूहिक समारोह में विशेष रूप से भारतवर्ष के नामी-गिरामी वक्ताओं,भजन सम्राट एवं कवियों ने हिस्सा लिया। जिसमें विशेष रूप से चेन्नई के मोहन जी गोलछा , रुपेश जी बोरा मुंबई , मीना जी कोठारी भोपाल , सुरेंद्र गुरुजी बेंगलुरु, पीयूषभाई शाह मुंबई, मनोज जैन जी आगरा, युवराज जी जैन मुंबई, आदि ने वर्षीतप तपस्वियों का अनुमोदन करते हुए अपनी भाव भरी प्रस्तुति प्रदान की।
मुख्य वक्ताओं में सुपारस गोलछा , अशोक बरडिया , प्रकाश मालू ,महेश कोठारी गोंदिया , किशोर बरडिया ,विजय काकरिया , संतोष बडेर दुर्ग, अभय सेठिया बालाघाट , मनाली सांखला , डिंपल क़ानूगा, अरविंद गोलेछा ,दर्शना काकरिया बालाघाट आदि ने इस अभिनंदन समारोह में तपस्वियों की खूब खूब अनुमोदना करते हुए अपनी भावभीनी अभिनंदन श्रृंखला प्रस्तुत की ।
गुरु भगवंतों एवं मुख्य वक्ताओं ने वर्षी तप के महत्व को बताते हुए प्रभु आदिनाथ भगवान द्वारा पूर्व भव में 12 घड़ी की अन्तराय का विवेचन किया और बताया इसी पूर्वकृत कर्मो के कारण भगवान को 400 दिन आहार नही मिल पाया और सहज ही भगवान द्वारा तपस्या हो गई और उनके कर्मों की निर्जरा हुई। इस परंपरा से चलते हुए आज तक संपूर्ण विश्व में हजारों तपस्वी 400 दिन की इस कठिन तपस्या के माध्यम से अपने कर्मों की निर्जरा कर रहे हैं । इसके माध्यम से उन्होंने यह भी बताया कि हमें किसी के किसी भी कार्य में बाधक नहीं बनना चाहिए ।
इस ऑन लाइन वर्षीतप कार्यक्रम को सफल बनाने में सीए प्रेम चोपड़ा के साथ उनके एसोसिएट टीम में सीए किशोर बरडिया , सीए करण गुप्ता , मास्टर श्रेयांश चोपड़ा , पंकज चोपड़ा, प्रतीक टाटिया आदि का अविस्मरणीय योगदान रहा । साथ ही इस मुख्य समारोह में संपूर्ण भारतवर्ष के समस्त राज्यों से 101 वर्षीतप तापस्वियों ने अभिनंदन समारोह में भाग लिया।