Positive India:Dayanand Pandey:
जाने क्यों राहुल गांधी और उन की कांग्रेस को पहले प्याज ही पसंद आती है। फिर बोनस में जूते भी मिल जाते हैं। दोनों ही खाने पड़ते हैं। जाने यह आदत है कि क़िस्मत ही ऐसी है। एक प्रसंग गुज़रता है कि कामरेड लोग तब तक नई स्क्रिप्ट लिख देते हैं। राहुल गांधी लाचार हो जाते हैं। फिर वही भाषण , फिर वही प्याज , फिर वही जूते ! ख़ुदा ख़ैर करे !
कांग्रेस का एक चुनावी नारा आप सब को याद होगा , अब न्याय होगा ! तो आज लोक सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के साथ गज़ब का न्याय किया। ख़ास कर राहुल गांधी। बीते साल आज ही के दिन राज्य सभा में भी इसी तरह न्याय किया था कांग्रेस और राहुल गांधी के साथ। कांग्रेसजन इस न्याय को बहुत समय तक याद करेंगे। कम्युनिस्टों और कांग्रेसियों की राय में राहुल गांधी का लोकसभा में राहुल गांधी का भाषण बड़ा मेच्योर और अकादमिक था। पर राहुल गांधी के सारे भाषण को मिट्टी में मिला दिया। न्याय ऐसे भी होता है , नहीं जानता था।
दुहरा ही दूं बकौल दुष्यंत :
तुम्हारे पाँव के नीचे कोई ज़मीन नहीं
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यक़ीन नहीं
मैं बेपनाह अँधेरों को सुब्ह कैसे कहूँ
मैं इन नज़ारों का अँधा तमाशबीन नहीं
तेरी ज़ुबान है झूठी ज्म्हूरियत की तरह
तू एक ज़लील-सी गाली से बेहतरीन नहीं
तुम्हीं से प्यार जतायें तुम्हीं को खा जाएँ
अदीब यों तो सियासी हैं पर कमीन नहीं
तुझे क़सम है ख़ुदी को बहुत हलाक न कर
तु इस मशीन का पुर्ज़ा है तू मशीन नहीं
बहुत मशहूर है आएँ ज़रूर आप यहाँ
ये मुल्क देखने लायक़ तो है हसीन नहीं
ज़रा-सा तौर-तरीक़ों में हेर-फेर करो
तुम्हारे हाथ में कालर हो, आस्तीन नहीं
भारत यात्रा का कुल यही हासिल है कि सारी हवा निकल गई। तय मानिए
अब राहुल गांधी की दाढ़ी ग़ायब होने ही वाली है। अवसाद इतना दे दिया है मोदी ने कि अब वह इटली या थाईलैंड की यात्रा में ही दूर होगा , जल्दी ही।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार है)