इस्राइल हमास की तब तक पिटाई करेगा जब तक हमास का नामोनिशान नहीं मिट जाता
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-
Positive India: Rajkamal Goswami:
7 अक्टूबर के हमास(Hamas) हमले के बाद ही यह स्पष्ट था कि इस्राइल(Israel) हमास की तब तक पिटाई करेगा जब तक हमास का नामोनिशान नहीं मिट जाता । यह भी दीवार पर लिखी सच्चाई है कि कोई मुस्लिम देश इस्राइल के विरूद्ध जंग में सीधा नहीं उतरेगा । भारी नुक़सान उठा कर भी इस्राइल मारते मारते थकेगा नहीं ।
इंगलिश लॉ में एक मैक्ज़िम है , He who seeks equity must do equity. जो मानवाधिकारों का लाभ लेना चाहता है उसे दूसरे के मानवाधिकारों का सम्मान भी करना चाहिए । ईरान ने थोड़ा बहुत जंग करने का ऊपरी दिखावा किया वह भी ठंडा हो गया उसके राष्ट्रपति भी संदिग्ध परिस्थितियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गये जिसके पीछे मोसाद का हाथ होने का संदेह जताया गया है ।
ख़ैर ये इतने सारे इस्लामी मुल्क क्यों हमास की पिटाई चुपचाप देख रहे हैं ? और तो और मिस्र और जॉर्डन जैसे पड़ोसी मुल्कों ने तो ग़ाज़ा के शरणार्थियों को लेने से भी साफ़ इन्कार कर दिया । अगर संभव होता तो भारत में इन शरणार्थियों को अब तक रोहिंग्या की तर्ज़ पर बसाया जा चुका होता ।
कई मुस्लिम एक्टिविस्ट सोशल मीडिया पर भारतीयों से हमास का समर्थन करने की अपील कर रहे हैं । केवल धर्म के आधार पर सड़कों पर ख़ून बहा कर जिन्होंने देश के टुकड़े कर दिए भला उन्हें भारतीयों से कोई उम्मीद क्यों रखनी चाहिए ?
उनको उम्मीद है कि उन्हें हम मदद करें,
चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिए
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)