इस्राइल ने ईरानी परमाणु ठिकानों और तेल भंडारों को बख़्श दिया वरना…
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-
Positive India: Rajkamal Goswami:
गई रात इस्राइल के सौ से अधिक बमवर्षकों ने स्वच्छंदता पूर्वक ईरान के आकाश में आवारागर्दी करते हुए चार पाँच घंटों तक ईरान के कई मिलिटरी ठिकानों पर बमवर्षा की और सुरक्षित अपने देश लौट गये ।
ईरानी वायुसेना का प्रतिरोध कहीं नहीं दिखाई दिया वरना दस पाँच इस्राइली विमान तो गिरा ही लिये जाते । ज़ाहिर है कि ईरान की प्रतिरोधक क्षमता इस्राइल के समक्ष कहीं नहीं ठहरती है । ग़नीमत रही कि इस्राइल ने ईरानी परमाणु ठिकानों और तेल भंडारों को बख़्श दिया वरना तेल की कीमतें आज ही आसमान छूने लगतीं ।
ये हमले १ अक्टूबर के ईरानी मिसाइल हमलों के प्रतिकार के रूप में किये गये हैं । मुझे तो दोनों तरफ़ के हमले नूरा कुश्ती नज़र आते हैं । न ढंग से लड़ते हैं और न चैन से बैठते हैं । कम से कम रूस और यूक्रेन जैसी जंग तो हो ।
ईरान को अगर ऐसा लग रहा है कि बाक़ी दुनिया के सुन्नी इस्लामी मुल्क़ शिया ईरान की अगुआई में यहूदी इस्राइल से लड़ेंगे तो उसे यह ग़लतफ़हमी निकाल देनी चाहिए । न ईरान का इस्राइल से कोई सीमा विवाद है न कोई सीधा झगड़ा है । बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह वह फलस्तीन इस्राइल संघर्ष में अपनी टांग अड़ा रहा है ।
तमाशबीनों के लिए अब इस जंग में कुछ बचा नहीं है । फ़िलहाल तो ईरान दहला हुआ है अभी तो उसकी हिम्मत कुछ करने की बची नहीं है ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)