क्या अब आरक्षण बन गया है प्रतिभा पलायन का बड़ा कारण ?
-दयानंद पांडेय की कलम से-
Positive India:Dayanand Pandey:
प्रतिभाएं पहले भी थीं देश में और ब्रेन ड्रेन भी होता था । लेकिन तब देश में सुविधाएं नहीं थीं रिसर्च आदि की इस लिए होता था यह प्रतिभा पलायन । और दाल में नमक की तरह होता था । लेकिन अब तो ब्रेन ड्रेन का रेट बहुत बढ़ गया है । नमक में दाल की तरह । इंटर के बाद ही बच्चे विदेश भागने लगे हैं । कारण है एडमिशन से लगायत नौकरी तक में पचास प्रतिशत तक आरक्षण ।
भारत में अच्छे बच्चों को भी एडमिशन नहीं मिल पा रहा है । नौकरी तो बाद की बात है । चालीस, पैतालीस परसेंट पाने वाले बच्चे एडमिशन पा जा रहे हैं , नब्बे , पनचानबे परसेंट पाने वाले बच्चे एडमिशन से महरूम हैं । जब कि इन्हीं बच्चों को विदेशों में फुल स्कालरशिप के साथ एडमिशन मिल जा रहा है । जिन को स्कालरशिप नहीं मिल पाती उन्हें लोन मिल जा रहा है । बच्चे जहां पढ़ रहे हैं , वहीं नौकरी भी पा जा रहे हैं । पढ़ते समय भी और पढ़ने के बाद भी । लाखो रुपए महीने की । देश में रह कर भी यही बच्चे मल्टी नेशनल कंपनियों को अपनी प्रतिभा का लाभ दे रहे हैं । देश और देश की सेवाएं प्रतिभावान बच्चों से वंचित हो रही हैं तो आरक्षण की बला से । देश प्रतिभाहीन लोगों के कचरे से पटा जा रहा है । ऐसे जैसे प्लास्टिक का कचरा हो । प्रतिभा पलायन अब एक नासूर बन कर बस उपस्थित होने को देश में तैयार है ।
साभारः दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)