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सभी का DNA एक है कहना क्या गलत है ?

मोहन भागवत के DNA वाले बयान से क्या चोट सही लगी है जो इतनी तिलमिलाहट मची है?

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Positive India:Ajit Singh:
मोहन भागवत जी के DNA वाले एक बयान से मुस्लिम तुष्टीकरण के मदारियों की फट फफूंदी हो गई…होड़ लग गई म्लेच्छों के लिये पैजामा और सलवार उतारने कि कौन मलिच्छों के लिये सबसे पहले कुर्बानी के बकरे की रोल मे है….बाकी सभी का DNA एक है कहना क्या गलत है…पृथ्वी पर सबसे पहले सनातन के पूर्वज मनु और सतरूपा ही तो आये थे…दुनिया भर मे जब भी धरती की खुदाई होती है तो मनु और सतरूपा के सनातन के ही साक्ष्य मिलते हैं…ऐसा क्यों?
क्योंकि पृथ्वी पर मानव का उद्भव ही सनातन मे हुआ है…और सनातन संस्कृति,संस्कार,पूजा पद्धति ही सम्पूर्ण धरा पर रही है…कालांतर मे सनातन से ईर्ष्या,डाह और द्वेष रखने वालों ने विभिन्न मत,पंथ,सम्प्रदाय,मजहब बनाकर स्वयं को श्रेष्ठ बताने के लिये बयान दिया कुछ ने पुस्तके भी लिखी…लेकिन सनातन की सर्वोच्चता और सार्वभौमिकता चुनौती नही दे सके हैं…इसी कुढ़न के कारण एक ने जिहाद के विभिन्न रूप अपना कर तो दूसरे ने बेहद शातिर तरीके से सनातन धर्मियों को धर्मांतरित कराने लगे….ये इनकी वो कुंठा है,जो सनातन से आमने सामने की लड़ाई मे सदियों से पराजित होने के कारण छल और कपट के सहारे खुद को सर्वमान्य बनाना चाह रहे हैं…ये सब जब जन्मे थे तो हमारी तरह ही दुनिया मे आये…..फिर एक ने खतना करा कर खुद को मुसलमान बताया…तो दूसरे ने होली वॉटर पी कर खुद को परमेश्वर का पुत्र बताया…..लेकिन इन दोनो मे से कोई सीधे मुसलमान बन कर और जीसस के पुत्र के रूप मे जन्म नही लिया…क्यों…ऐसा क्यों…..क्योंकि सच्चाई यही है कि सब पैदा तो होते सनातनी रूप मे ही….बाद मे खतना करा कर कुछ मुसुरमान बन जाते है और कुछ होली वॉटर छिड़क कर वैटिकन पूत बन जाते है…..कोई कटा कर या कोई किरास लपेट कर नही पैदा होता है……इसीलिये तो मोहन जी भागवत ने कहा कि सबका DNA एक ही है…..अब मिर्ची किसको लग रही है जरा आप इसको भी देखिये…ओवैसी,मायावती,टोंटी और कांग्रेस…क्यों लग रही है….बस वही मुसुरमानो के एकजुट वोट के लिये राजनीति के गिद्ध आपस मे भिड़ कर साबित करना चाहते हैं कि कटपीसो के असल समर्थक वही हैं…बाकी सनातनियों समझो कि गिद्ध केवल इसलिये बिलबिला रहे हैं कि चोट बिल्कुल सही जगह लगी है…..!

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फिलहाल कुल मिला कर इतना ही कहूंगा कि अमर,अकबर और एंथोनी… सबका बाप किशनलाल ही है…बस इनडायरेक्ट रूप से यही तो कहा है………मोहन भागवत जी ने…क्या चोट सही लगी है जो इतनी तिलमिलाहट मची है…..और बिना कान देखे कौव्वे के पीछे दौड़ने वाले हिन्दू फुफ्फाओं….कब समझोगे की तुम्हारा नेतृत्व और उसके राजनैतिक,कूटनैतिक तथा वैचारिक सहयोगी पप्पू नही हैं…….वरन बेहद परिपक्व है…और सांपो को उनके बिलो से निकालने मे माहिर मदारी हैं…न विश्वास हो तो कल से फुंफकारते उन विषैले जीवों को देख लीजिये….बाकी बस समझने का फेर है……!!

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#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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