Positive India: Rajkamal Goswami:
हमास की बेइंतिहा पिटाई अभी पूरी भी नहीं हो पाई थी कि ईरान ने हिज़्बुल्लाह को शेर के मुँह में डाल दिया । जितना बुरा हाल हमास का हुआ उससे कहीं बुरा हश्र हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों का होगा ।
मौलवी चाहे वह शिया हों या सुन्नी मदरसों में बच्चों का ब्रेन वॉश करके उन्हें हूरों का सौदाई बना देते हैं । जवानी आते आते हूरों की बेपनाह ख़ूबसूरती की कहानियाँ उन्हें बेचैन कर देती हैं । हूरें इंतज़ार कर रही हैं और पहुँचने का सबसे आसान रास्ता है जिहाद । जिहाद में शहीद होने वाले को कयामत का इंतज़ार नहीं करना पड़ता और सीधे जन्नत में एंट्री हो जाती है ।
इस पूरे फलसफे के सच होने पर न किसी के मन में कोई सवाल उठता है न शक । अगर कोई हिम्मत कर के कोई सवाल करे भी तो उसे समझा दिया जाता है कि शैतान इंसान के दिल के बेहद क़रीब होता है वही मोमिन को सीधे रास्ते से भटकाता है । इसलिए कभी कोई ऐसा सवाल उठे तो फलाँ दुआ पढ़ कर शैतान से पनाह मांग लिया करो ।
हमने तो अपने होश में नारा ए तकबीर लगाने वालों को कोई जंग जीतते नहीं देखा । अल्लाह का वजूद हो न हो मगर वह मुसलमानों के तो साथ क़तई नहीं है । इसराइल बेइंतिहा पीट रहा है । मिश्र और जोर्डन तो पिट पिटा कर बहुत पहले चुप हो गये बस एक ईरान बचा है और उसके चंगू मंगू हमास हिज़बुल्लाह और हूथी । एक चालाक मौलाना की तरह ईरान ख़ुद आगे नहीं आ रहा है और बच्चों को भड़का कर पिटवा रहा है ।
इन भटके हुए नौजवानों की जवान मौतों की जिम्मेदारी ईरानी मौलवियों की है । जल्द ही उनका भी नम्बर आयेगा ।
राजकमल गोस्वामी