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90% जले होने के बावजूद उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता 1 किलोमीटर तक दौड़ती रही

कैसे मिलेगा उन्नाव की बेटी को इंसाफ

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Positive India:Unnao: उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कहानी बहुत विचलित करने वाली है। दुष्कर्म के आरोपी पीड़िता को तब तक चाकू, डंडे व लाठी से पीटते हैं जब तक वह बेहोश नहीं हो जाती। जब वह बेहोश हो जाती है, उसके बाद उस पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा देते हैं। मरा हुआ समझकर आरोपी वहां से भाग जाते हैं। पीड़िता उठती है; 90% जल जाने के बावजूद 1 किलोमीटर चल कर मदद की गुहार लगाती है। चश्मदीद के मुताबिक उसके फोन से पीड़िता डायल 100 को फोन करती है। एंबुलेंस आती है, उस एंबुलेंस में बैठकर अस्पताल जाती है; फिर वहां पर वह अपना बयान दर्ज कराती है; उन पांचों आरोपियों के बारे में बताती है जिन्होंने उसे जिंदा जला दिया था।

यह सब तब होता है जब पीड़िता 90% तक जल चुकी थी। इतना जल जाने के बाद किसी भी इंसान का साहस जवाब दे जाता है। चलना, दौड़ना तो दूर ऐसा इंसान खड़ा रहने की हालत में रह नहीं रहता। उसके बावजूद पीड़िता ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए,1 किलोमीटर चली, पुलिस को फोन लगाया ,एंबुलेंस बुलाई, उसमें बैठी और फिर अपना बयान दर्ज कराया। दुष्कर्म पीड़िता ने 44 घंटे तक जिंदगी और मौत से सतत संघर्ष किया और उसके बाद उसने अपने प्राण त्याग दिए; इस आस में कि उसे इंसाफ मिलेगा। पीड़िता ने अपने भाई से गुहार लगाई कि दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए, किसी भी हाल में उन्हें भी वही मिलना चाहिए जो उन्होंने पीड़िता को दिया था।

यह सब नहीं होता अगर उन्नाव की पुलिस सही समय पर उचित कदम उठाती। बार-बार धमकियों के बावजूद पुलिस ने जानबूझकर इस मामले को नजरअंदाज किया। आरोपी तो ताक में बैठे थे। उन्होंने वह कर दिया, जो करना चाह रहे थे; और देश ने एक बेटी को खो दिया वह भी इस हालात में।

योगी सरकार ने 25 लाख के मुआवजे की घोषणा तो कर दी है, पर उस दुख और दर्द का क्या, उन जख्मों का क्या, जो इन पांचों आरोपियों ने पीड़िता को दिए थे, उसके घर वालों को दिए थे। क्या कानून व्यवस्था इतनी लचर है, इतनी बेबस है कि कोई भी किसी बेटी, बहन, महिला का बलात्कार कर सकता है और फिर उसे जिंदा जला सकता है और लंबी कानूनी प्रक्रिया के तहत यह बलात्कारी ऐश करते हैं; उन्हें बेल मिलती है वह जेल से बाहर आते हैं फिर दुस्साहस करते हैं और उसी पीड़िता को जिंदा जलाकर मार देते हैं। शर्मनाक और बेहद अफ़सोस। इन आरोपियों को, बलात्कारियों को फांसी ही होनी चाहिए, वह भी बहुत जल्द।

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