www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

न्यूजीलैंड से हारने पर देशवासियों का दिल टूट गया

Ad 1

Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
न्यूजीलैंड से अठारह रन से हारने पर पूरे देश वासियो का दिल टूट गया । निश्चित ही जब हमको इतनी पीड़ा हो रही है, तो खेलने वालो को भी दुख तो होता ही होगा । हम लोग खेल को खेल तक सीमित न रखकर भावनाओ से लेने लगते है । क्रिकेट को हम लोग धर्म कहते है । अभी तक का विश्वकप मे भारत का सफर शानदार रहा है । आज का दिन हमारा नही था । नही तो शुरुआत इतनी खराब नही होती । इसके बाद भी धोनी और जडेजा ने अच्छी पारी खेली और शर्मनाक हार से बचाया । कौन खिलाड़ी होगा जो फाइनल मे आने के बाद हारने की सोचेगा ? यह विश्व कप तो माही का आखिरी था ऐसे मे वो इस तरह से बाहर होना कतई नही चाहेगा । हमारे देश मे जब टीम जीतती है तो सर आंखो पर कर देते है, हारते है तो खिलाड़ियो के साथ उनके घर मे भी पथराव कर देते है । यही कारण है जब धोनी की अगुवाई मे टीम जीती, तो उनके पिता ने बधाई लेने से इंकार कर दिया । उनके मन मे कितनी पीड़ा रही होगी ।हर खिलाड़ी देश के लिए खेलता है।

Gatiman Ad Inside News Ad

हम लोग पाकिस्तान पर हंसते है कि वहाँ पहुंचने पर टीम के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है । पर हम लोग भी उनसे कौन से अलग है ? हमे भी अपनी भावनाओ पर काबू रखना चाहिए । हमे अपने
खिलाड़ियो का तहेदिल से स्वागत करना चाहिए । यह सोचना चाहिए कि आज हमारा दिन नही था । निश्चित ही आने वाले समय मे इस पीड़ा से उबरकर हमारे खिलाड़ी अच्छा खेल खेलेंगे । मेरा तो मानना है हमे उन पर मानसिक दबाव नही बनने देना चाहिए, जिससे खेल प्रभावित होता है । वही शिखर धवन का बाहर होने से भी पूरा खेल प्रभावित हो गया । हम सेमीफाइनल मे क्रिकेट मे हारे है । आज न्यूजीलैंड ने अच्छा खेल खेला इसलिए जीत गए । यही पूरे खेल का सार है । हो सकता है कल आने वाले दिनो मे तुम्हारे घर से कोई क्रिकेट खेले और यही परिस्थिति आ जाए और तुम्हारे घर मे पथराव करे, कैसा लगेगा ? यही भावना खिलाड़ियो के परिवार के साथ रहनी चाहिए । खिलाड़ी आएंगे, उनकाअच्छे से वेलकम करे, जिससे मनोबल बढे । अब हमे आगे देखना है, यही मूलमंत्र है ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Naryana Health Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.