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संसद भवन का लोकार्पण: प्रधानमंत्री संसद के किस हिस्से के लिए उत्तरदायी है?

-अजीत भारती की कलम से-

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Positive India:Ajeet Bharti:
जो प्रधानमंत्री हर एक वंदे भारत ट्रेन का व्यक्तिगत तौर पर जा कर या वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से लोकार्पण करता है, उससे यह आशा करना कि वो अपने विजन से बने संसद भवन का लोकार्पण किसी और को करने दे देगा, तर्क से परे है।

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राष्ट्रपति जी का सम्मान है, पर इस राष्ट्र में ऐसा कोई उदाहरण नहीं (अपवादों को छोड़ कर) जहाँ राष्ट्रपति ने किसी ऐसे भवन/संस्था आदि का लोकार्पण किया हो जो उनके अपने आवास या कार्यालय से संबद्ध न हो। इसलिए, यह मूर्खता त्याग देनी चाहिए कि वो राष्ट्राध्यक्ष हैं, इसलिए उनका बनता है।

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राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेरों का अनावरण जब प्रधानमंत्री ने किया तो कुछ ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष तो स्पीकर होते हैं, इसलिए ओम बिड़ला जी को यह करना चाहिए था। फिर, राज्यसभा अध्यक्ष धनकड़ जी हैं, तो संसद का फीता काटने की रेस में वो प्रधानमंत्री से आगे हैं।

तो, मुझे कोई यह बताए कि प्रधानमंत्री संसद के किस हिस्से के लिए उत्तरदायी है? वो क्या संसद भवन के आगे की लॉन का कोई हिस्सा लोकार्पित करेगा? या संसद भवन की पार्किंग का?

आप लोग जो रो रहे हैं कि यार राष्ट्रपति का बनता है, तो आप वामपंथियों के नैरेटिव को अपना चुके हैं। उन्होंने तीन दिन में आपको कन्विन्स कर दिया कि प्रधानमंत्री तो कुछ होता ही नहीं, जो होता है राष्ट्रपति होता है।

और यह वही विपक्ष है जिसने पहली महिला ट्राइबल राष्ट्रपति के विरोध में अपना प्रत्याशी उतारा, उनके रूप-रंग को ले कर आक्षेप किए, गाली तक दी। उनके द्वारा संसदीय संभाषण का इतिहास में पहली बार बहिष्कार हुआ कि वो तो मोदी सरकार की राष्ट्रपति है।

आप ऐसे लोगों के अजेंडे पर नाच रहे हैं?

मेरी असहमति इस बात से है कि राष्ट्रपति जी वहाँ नहीं होंगी। इसका एक कारण यह बताया जाता है कि राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति की उपस्थिति में कोई भी दूसरा व्यक्ति मुख्य अतिथि नहीं हो सकता। उनके संदेश पढ़े जाएँगे।

साभार:अजीत भारती-(ये लेखक के अपने विचार है)

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