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यंग आर्मस फाउंडेशन के मैंगो फेस्ट मे पेरेंट ने बच्चो को मूलभूत मौलिक ज्ञान से कराया रूबरू

Young Arms Foundation organises Mango Fest with General Body Meeting.

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Participants relive their young days in Mango Fest.
Positive India:Raipur:
यंग आर्मस फाउंडेशन ने रायपुर शहर से दूर मैंगो फार्म हाउस में मैंगो फेस्ट का आयोजन किया। इतवार का वक्त शाम के 4:30 बजे और यंग आर्मस फाउंडेशन के मेंबर अपनी फैमिली के साथ, बच्चों के साथ मैंगो फॉर्म हाउस में पहुंचते हैं जहां आम के वृक्ष फलों से लदे हुए हैं। हर मेंबर, हर बच्चे को यह पूरी पूरी छूट थी कि वह कितने भी आम तोड़ सकता है पेड़ों पर चढ़ सकता है और तोड़े हुए आमों को अपने घर ले जा सकता है। इतना ही नहीं तोड़े हुए आमों से वह कोई भी डिश बना सकता है, वह भी बिना कुकिंग के!
Parent giving practical training to kid during Mango Fest.
बच्चों तथा उनके अभिभावकों का उत्साह देखते ही बनता था। ऐसा लग रहा था मानो पहली बार उन बच्चों ने आम के पेड़ पर लगे हुए आमों का दीदार किया। पेड़ों पर लगे हुए आमों को तोड़ने की होड़ लग गई । इतना ही नहीं बच्चों के अभिभावकों में यह होड़ लग गई कि कौन कितनी ऊंचाई तक पेड़ पर चढ़ सकता है।

शहर के शोर-शराबे से दूर नैसर्गिक वातावरण में, आम के बगीचे में ढाई घंटे कैसे व्यतीत हो गए लोगों को पता ही नहीं चला। अगर दिन ढल नहीं जाता तो शायद बच्चे तथा उनके अभिभावक वहां से हटने वाले नहीं थे। यंग आर्मस फाउंडेशन रायपुर के को चेयरमैन सागर जैन ने पके हुए आमों की चापिंग कैसे की जाए , इसकी भी ट्रेनिंग लोगों को दी।

प्रोग्राम कन्वीनर गौतम झा ने बताया कि बच्चों तथा उनके अभिभावकों के बीच बिना कुकिंग डिश बनाने का कंपटीशन भी रखा गया था। इस रेसिपी कंपटीशन में शिल्पा नाहर ने अपने पुत्र के साथ प्रथम एवं द्वितीय पुरस्कार जीत लिया।

Natural learning by kids during Mango Fest in mango garden. Kids are so insightful!
यंग आर्मस फाउंडेशन में आई हुई संध्या परिहार ने बताया कि आज ऐसे बहुत से बच्चे है जिन्हे बेहिसाब ज्ञान मिलता है इंटरनेट से , पर जमीनी ज्ञान से ही हमारे बच्चे ये अंतर समझ सकते है कौन से गेंहू की बाली है कौन से धान की । उन्होंने आगे बताया कि महानगरों में रहने वाले माता पिता को बच्चो को शहर से पास किसी भी फार्म में लेकर जाए और उन्हें जमीन से रूबरू जरूर कराएं। कृषि पद्धति के बारे में उन्हे अवगत कराना ये बेस्ट पेरेंटिंग के गुण है। भारत कृषि प्रधान देश है और मिट्टी और फसल का मूलभूत मौलिक ज्ञान देश के बच्चे बच्चे में होना अनिवार्य है ।
संध्या परिहार ने बताया कि इस मिट्टी में उतना ज्ञान है, जितना गूगल के पास भी नहीं,
तो घूमते रहिए , एक न एक दिन मंजिल मिल ही जाएगी, डर तो उनका है जो कभी घर से निकले ही नहीं।
यंग आर्मस फाउंडेशन द्वारा आयोजित मैंगो फेस्ट फिर से बचपन जीने का मौका मिला और बच्चो ने खेत ,फसल और किसान इन तीनों का मूल्य समझा ।

मैंगो फेस्ट मे फाऊंडर अरविंद अग्रवाल, मुक्ता अग्रवाल, पुरुषोत्तम मिश्रा, अलका मिश्रा, निलेश शाह, लक्ष्य चौरे, पास्ट प्रेसिडेंट अंकित बंसल, शिल्पा नाहर, हरदीप कौर, तथा सभी मैबर फैमिली सहित उपस्थित थे।

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