आईएमए ने वेस्ट शुल्क में तर्क सम्मत परिवर्तन करने की मांग रखी
मंत्री शिव डहरिया ने उचित कार्यवाही का दिया आश्वासन ।
Positive India:Raipur:
शहर में घर-घर वेस्ट कलेक्शन के लिए नगर निगम द्वारा एक निश्चित चार्ज लिया जाता है, साथ ही व्यवसाय करने हेतु प्रतिवर्ष अनुज्ञप्ति शुल्क भी नगर निगम द्वारा लागू किया गया है। परंतु इन दोनों शुल्क की दर क्लीनिक तथा अस्पतालों के लिए सबसे ज्यादा है। बाकी किसी भी व्यवसाय से इतना शुल्क नहीं लिया जाता, जितना क्लीनिक तथा अस्पतालों से लिया जाता है, बल्कि इनसे लिये जाने वाले शुल्क अन्य व्यवसायों की तुलना में कई गुना ज्यादा है। सभी हेल्थ केयर सेंटर बायो मेडिकल वेस्ट के लिए अलग से शुल्क पटाते हैं तथा क्लीनिक डायग्नोस्टिक सेंटर तथा छोटे अस्पतालों से निकलने वाले सामान्य कचरे की मात्रा अन्य व्यवसायिक संस्थानों से निकलने वाले कचरे के मुकाबले बहुत कम है।
छत्तीसगढ़ राज्य में 2017 से लागू किए गए नए अनुज्ञप्ति शुल्क और नॉन बायोमेडिकल वेस्ट कलेक्शन चार्ज को लेकर सभी चिकित्सकीय प्रतिष्ठानों में अन्य उपक्रमों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की तुलना में गैर तर्कसंगत तथा बहुत ज्यादा अंतर होने के संबंध में ध्यानाकर्षण हेतु इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ राकेश गुप्ता ,डॉ विकास अग्रवाल और डॉ अनिल जैन नगरीय निकाय एवं प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया से मिले और उपरोक्त दोनों शुल्क के तुलनात्मक विवरण दिया । आईएमए के प्रतिनिधि मंडल ने सभी क्लीनिक डायग्नोस्टिक और पैथोलॉजी सेंटर सहित सभी नर्सिंग होम और अस्पताल के नगरीय निकाय द्वारा लगाए जाने वाले शुल्क में तर्क सम्मत परिवर्तन करने की जरूरत की मांग रखी है । उन्होंने पूरे चिकित्सक समुदाय की तरफ से विश्वास व्यक्त किया है कि पहले की तरह उनकी तर्क सम्मत मांग पर ध्यान दिया जाएगा और विश्वास व्यक्त किया है कि इस पर आवश्यक परिवर्तन शीघ्र ही कार्य कर लिए जाएंगे । मंत्री शिव डहरिया ने दोनों स्वरूपों को तर्कसंगत बनाने को विस्तृत अध्ययन के आग्रह को मान लिया है और आश्वासन दिया कि वे इन दोनों बातों पर संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करेंगे।