Positive India:Raipur:
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा है कि, पिछले वर्ष लॉकडाउन के बाद जब बाजार फिर से खुले, तब भारी भीड़ ने सारे सामाजिक गाइडलाइन पालन के सकारात्मक नतीजों पर पानी फेर दिया था । लॉकडाउन में दैनिक वेतन भोगी मजदूर और निम्न आय वर्ग के लोगों को परिवार के भरण-पोषण के लाले पड़ जाते हैं , यही नहीं दैनिक जरूरतों के सामान के लिए आंशिक रूप से बाजार खुलने पर भारी भीड़ इकट्ठा होती है और लॉकडाउन के नतीजे प्रभावित हो जाते हैं । आपात सेवाएं बाधित हो जाती हैं और प्रशासन का ध्यान कानून-व्यवस्था संभालने की ओर ज्यादा रहता है । पूरी संजीदगी और कड़ाई से हुए लॉक डाउन के बाद भी हमें सामाजिक गाइडलाइन का ही पालन करना है और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की तरफ ध्यान देना है । इसलिए यह बेहतर होगा कि अभी से प्रशासन के सभी अंग मिलकर कोरोना संक्रमण गाइडलाइन का पालन सख्ती से कराएं । सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की तरफ ध्यान दें ।
लॉकडाउन रोज कमाने वालों के लिए बहुत अप्रिय निर्णय है । बहुत लंबा लॉकडाउन लगाना आर्थिक गतिविधियों को रोकने के बराबर है ।
इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान ही होगा ।
सरकार को प्रथम और अंतिम विकल्प के रूप में केवल सामाजिक गाइडलाइन का पूरी सख्ती से पालन कराने और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने की ओर ध्यान देना चाहिए ।
सामाजिक गाइडलाइन का पालन करने के लिए कुछ उपायों पर विचार बहुत जरूरी है जैसे….
1.धारा १४४ का सख़्ती से पालन
2. ग़ैर ज़रूरी आमोद प्रमोद के सभी सार्वजनिक स्थानों को बंद करना, जहां भीड़ इकट्ठी होती है ।
3. बिना व्यवसाय को प्रभावित करते हुए हर एक व्यक्ति को व्यवहार परिवर्तन को जीवन का अंग बनाना पड़ेगा ।
4.शहर के विभिन्न बाजारों में आवाजाही पर सख्त नियंत्रण ।
5.सार्वजनिक यातायात पर नियमों का पालन ।
6.लोगों को व्यक्तिगत दूरी बनाए हुए कार्य करने का प्रोत्साहन और छूट ।
7. सभी व्यापारिक संस्थाओं और दुकानों में कार्य करने वालों द्वारा सख़्ती से नियमों का पालन ।
8. चारों ओर से बंद परिसरों और वातानुकूलित स्थानों में लोगों की आवाजाही पर नियंत्रण करते हुए भीड़ इकट्ठी ना होने देना।
9. शराब की दुकानों पर विशेष नियंत्रण की आवश्यकता है क्योंकि, वहां हर नियम की धज्जियां उड़ाई जाती हैं और सारे प्रयासों पर पानी फिर जाता है।
10. झोलाछाप गैर डिग्री धारी चिकित्सकों तथा मेडिकल स्टोर्स पर नियंत्रण रखना ताकि, लोग अनजाने में बीमारी को ना बढ़ाएं।
हो सकता है इन उपायों का पालन करने के लिए कुछ सख्त निर्णय लेने पड़े । परंतु यदि आमजन के जीवन को सुरक्षित रखना है तो, जिस प्रकार बच्चे को सुधारने के लिए सख्त होना पड़ता है, प्रशासन को भी सख्त कदम उठाने पड़ेंगे । हो सकता है यह कदम शुरू में अप्रिय लगें परंतु, जीवन बचाने के लिए अति आवश्यक हैं । जिसका सकारात्मक प्रभाव आगे जाकर देखने को मिलेगा।
डॉ महेश सिन्हा अध्यक्ष आईएमए छत्तीसगढ़,
डॉ अनिल जैन सचिव-आईएमए छत्तीसगढ़,
डॉ राकेश गुप्ता चेयरमैन(हॉस्पिटल बोर्ड)-आईएमए छत्तीसगढ़,डॉ विकास अग्रवाल अध्यक्ष आईएमए रायपुर, तथा डॉ आशा जैन सचिव आईएमए रायपुर ने एक सुर से उपरोक्त कोरोना गाइडलाइंस को सख्ती से पालन करने की अपील की ताकि कोरोनावायरस की महामारी से बचा जा सके।