इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने होम केयर- इन पार्किंसन डिजीज का किया विमोचन
Positive India:Raipur:
पार्किनसन्स डिजीज बुजुर्गों में होने वाली ऐसी बीमारी है, जिसमें याददाश्त पूरी तरह से कायम रहते हुए भी शरीर पूरी तरह से फ्रीज हो जाता है । व्यक्ति अपनी स्वयं की रोजमर्रा की दिनचर्या के लिए भी दूसरों पर आश्रित हो जाता है तथा समाज से पूरी तरह कट जाता है। यह स्थिति अंदर ही अंदर मरीज को खोखला करती जाती है और उसे मानसिक रूप से निर्बल कर देती है । यह एक डीजेनरेटिव न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसका कुछ हद तक नियंत्रण तो किया जा सकता है ,परंतु पूरी तरह निदान संभव नहीं है । ऐसे मरीज को सामान्य जीवन जीने के लिए घर पर विशेष देखभाल की जरूरत होती है ,जो उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ रख सकें। इसी विषय पर आधारित एक पुस्तक “होम केयर- इन पार्किंसन डिजीज” का विमोचन १४ जनवरी को शाम ४ बजे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के तत्वावधान में पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के लेक्चर हॉल १ में किया गया । इस पुस्तक की रचयिता डॉ विनया मायसकर शहर की सीनियर स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं तथा उन्होंने इस पुस्तक को अपने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर लिखा है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मेडिकल कॉलेज रायपुर के पूर्व डीन प्रोफेसर पद्मश्री डॉ अरुण दाबके, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष डॉ महेश सिन्हा, छत्तीसगढ़ के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर संजय शर्मा मौजूद थे । कार्यक्रम के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष डॉ विकास अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए पार्किंसन डिजीज की अवस्था में मरीज को होने वाली परेशानियों के बारे में बताया और उम्मीद की कि यह किताब मरीज और उनके परिवार के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध होगी । रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल की सीनियर माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा हेड ऑफ हॉस्पिटल इनफेक्शन कंट्रोल डॉक्टर सबा जावेद ने इस किताब के बारे में तथा डॉक्टर विन्या मायसकर के बारे में जानकारी दी । मुख्य अतिथि डॉक्टर अरुण दाबके तथा डॉक्टर संजय शर्मा ने अपने अनुभव साझा किए तथा बताया कि उन्होंने यह किताब पढ़ी है और यह निश्चित तौर पर मरीजों और उनके परिवार के लिए लाभकारी सिद्ध होगी । इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष डॉ महेश सिन्हा ने अपनी शुभकामनाएं डॉक्टर विन्या मायसकर को दी । सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि डॉक्टरों को मरीजों के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभव प्रकाशित करने की परंपरा को जारी रखना चाहिए ताकि सामान्य जन में लंबे समय तक चलने वाली बीमारी के मरीजों की घर में की जाने वाली देखभाल के संबंध में जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ाया जा सके। डॉक्टर विनया मायसकर ने बताया कि इस किताब का हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में भी अनुवाद करने की कोशिश की जाएगी ताकि आम जनता के लिए अत्यंत लाभकारी हो सके । इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के हॉस्पिटल बोर्ड अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता तथा रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर संदीप दवे , श्री नारायणा हॉस्पिटल की डायरेक्टर श्रीमती डॉ मेघा खेमका, डॉ बी आर अंबेडकर हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ स्मित श्रीवास्तव , तथा शहर के अन्य बहुत से चिकित्सक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर की सचिव डॉ आशा जैन ने सभी उपस्थित महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापित किया।