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आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को कोटपा अधिनियम 2003 में संशोधन हेतु दिया सुझाव

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Positive India:Raipur:
आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को कोटपा अधिनियम 2003 में संशोधन हेतु सुझाव दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन,रायपुर के
डॉ दिग्विजय सिंह तथा डॉ राकेश गुप्ता ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव से मिलकर एक निवेदन पत्र के जरिए अपना सुझाव एवं निवेदन दिया है जो बिंदुवार निम्नलिखित है।

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर ने अपने पत्र में स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान भारत सरकार के वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण (जी.ए.टी.एस.) 2 के कुछ मुख्य बिंदुओं पर आकर्षित किया है:
1.छत्तीसगढ़ में 53.7% पुरुष एवं 24.6% महिलाएं तंबाकू और संबंधित उत्पाद के उपयोगकर्ता हैं।
2.तंबाकू एवं संबंधित उत्पाद के सेवन से उपजे रोग 40% गैर संचारी मृत्यु (13.5 लाख लोग) का कारक हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की 39.1% आबादी तंबाकू के सेवन के दुष्परिणाम की चपेट में है।
3.तंबाकू एवं संबंधित उत्पाद का उपयोग मृत्यु के प्रथम 6 से 8 कारकों में है।
4.ग्लोबल यथ टोबैको सर्वे 2019 के प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 13 से 15 वर्ष उम्र (औसत आयु 7.3 वर्ष) के 8% स्कूली बच्चे तंबाकू और संबंधित उत्पाद का दुरुपयोग कर रहे हैं और 26% युवा पैसिव स्मोकिंग (सिगरेट और बीड़ी का धुआं सीधे ना लेकर अप्रत्यक्ष रूप से लेने ) के शिकार हैं ।
5.भारत सरकार का केंद्रीय अधिनियम सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन निषेध और व्यापार व वाणिज्य उत्पादन वितरण का विनियमन अधिनियम (सीओटीपीए या कोटपा 2003) तंबाकू एवं संबंधित उत्पाद का नियंत्रण करने के उद्देश्य से बनाया गया है । कालांतर में इस अधिनियम में कुछ खामियां परिलक्षित हुई है जो सरकार के समग्र तंबाकू नियंत्रण प्रयासों को बाधित करते हैं। इन्हे अति शीघ्र दूर किये जाने की आवश्यकता है।

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर ने स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान निम्न बिंदुओं की ओर आकर्षित करते हुए राज्य स्तर पर कोटपा अधिनियम में संशोधन हेतु पहल करने का निवेदन किय है।
1.कोटपा 2003 वर्तमान में निर्दिष्ट धूम्रपान क्षेत्र के निर्माण में कुछ सार्वजनिक स्थानों जैसे रेस्टोरेंट्स, होटल और हवाई अड्डे में धूम्रपान की अनुमति देता है । सार्वजनिक स्थानों पर निर्दिष्ट धूम्रपान क्षेत्र पर रोक लगाने की आवश्यकता है जिससे अनजाने में होने वाली पैसिव स्मोकिंग पर रोक लगाई जा सके ।
2.तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों की बिक्री स्थल पर विज्ञापन होर्डिंग और प्रदर्शन व्यापक रूप से प्रतिबंधित होना चाहिए ।
3.तंबाकू उत्पादों के सेवन की मौजूदा कानूनी उम्र 18 वर्ष को बढ़ाए जाने की जरूरत है ।
4.खुले तंबाकू एवं संबंधित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाए जाने की जरूरत है ।
5.कोटपा अधिनियम 2003 के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू एवं संबंधित उत्पाद की बिक्री पर सख्ती से नियंत्रण करने के दिशा निर्देश शासन स्तर से जारी होने चाहिए।
छत्तीसगढ़ के नागरिकों खासकर बच्चों और युवाओं के जीवन को तंबाकू जनित रोगों से बचाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने की जरूरत है जिसमें आपकी पहल महत्वपूर्ण होगी। कोटपा अधिनियम 2003 में संशोधन के लिए राज्य स्तर पर एक संशोधन विधेयक लाने की आवश्यकता है। इस संबंध में आप का प्रयास छत्तीसगढ़ राज्य के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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