Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
इस देश को 17 जुलाई का बेसब्री से इंतजार था । अंतरराष्ट्रीय न्यायालय मे जाधव के केस पर फैसला जो आने वाला था । फैसला ऐसा आया कि पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश हो गया । अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पंद्रह एक के मुकाबले मे अपना निर्णय सुनाया । ये निर्णय पूर्णतः भारत के पक्ष मे आया । एक जज जिसने इस केस के खिलाफ अपना निर्णय सुनाया वो कोई और नही बल्कि पाकिस्तानी जज था । इसका मतलब यह हुआ कि वो पहले पाकिस्तानी था बाद मे जज था । शायद ऐसे लोग न्यायालय की सीढ़ीया लांघने की पात्रता नही रखते । जो व्यक्ति पूर्वाग्रह से ग्रसित हो वो किसी को क्या न्याय देगा ? यही कारण है कि जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने उसके पक्ष मे ही फैसला दिया । सबसे पहले तो पाक के मिलिट्री कोर्ट ने जो फांसी की सजा मुकर्रर की थी, उसे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने खारिज कर दिया । इसका मतलब साफ है कि जाधव को पाक चाह कर भी कुछ नही कर सकता । दूसरा महत्वपूर्ण निर्णय कि जाधव को विधीक सहायता भी मिलेगी । जबकि पाक ने जाधव को इस पर बंदिश लगाई हुई थी । जिसके कारण उनके तथाकथित कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था । यह निश्चित है कि इस फैसले को कैसे पलीता लगाये, इस पर पाक भी गंभीरता से विचार कर रहा होगा; क्योंकि पाकिस्तान कुत्ते की वो पूँछ है, कितना भी सीधा कर लो वो टेढ़ी ही रहेगी ।
पाक के सामने यह तकलीफ है कि उसके सामने अब कांग्रेस या यूपीए वाला प्रधानमंत्री नही है जो चुपचाप रहकर सब स्वीकार कर, देश मे विधवा विलाप करते रहेगा । यही कारण था कि गंभीर अवस्था मे होने के बाद भी सरबजीत को मनमोहन सिंह की सरकार वापस लाने मे असमर्थ रही थी । सरबजीत आया भी तो उसका मृत देह ही आया । एक निर्दोष व्यक्ति को पहले आतंकवादी बनाकर, अंत मे किस हालत मे देश को सौंपा, वो निहायत ही शर्मनाक था ।
पाकिस्तान के सामने हम कमजोर दिखाई देते थे, उसी का पाक ने सात दशक तक फायदा उठाया और अपनी मनमानी की तथा हमारे कमजोर शासक सहते रहे । वहीं देश भी इनकी कमजोर अंतरराष्ट्रीय नीति से शर्मिंदा होता रहा । पाक के इसी आत्मविश्वास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तार तार कर दिया । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर फोरम मे मोदी जी ने पाक को बेइज्जत करके छोड़ा । कुलभूषण जाधव मामले मे भी मोदी सरकार ने अपना पक्ष मजबूती से रखा और आज पंद्रह एक के निर्णय ने पाक को पूर्णतः नंगा ही कर दिया । जाधव के रिहा होने के तरफ यह पहला कदम है । यही कारण है कि घुटने के बल पर अभिनंदन को रिहा करने के लिए पहले भी पाक को मजबूर होना पड़ा था । नरेंद्र मोदी के सामने पाक बिल्कुल निरीह हो गया।
आज का फैसला पाकिस्तान के शासक व सैन्य न्यायालय को करारा तमाचा है । पाक के किसी भी बात को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने नही माना । आज हालत ये है कि इमरान खान को अमेरिका जाने के पहले हाफिज सईद को गिरफ्तार करना पड़ा । पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव के मामले मे वियना संधि का भी उल्लंघन किया है, इसलिए यह फैसला दूध का दूध और पानी का पानी है।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ