आईएमडी ने पूर्व मध्य एवं समीपस्थ दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर अत्यंत उग्र चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग‘ पर आरंभिक रिपोर्ट जारी की
आईएमडी ने ट्रैक, जमीन से टकराने के बिन्दु एवं समय, तीव्रता और भारी वर्षा, तेज हवाओं तथा तूफान में बढ़ोतरी को लेकर बिल्कुल सटीक पूर्वानुमान लगाया था
Positive India: Delhi; 6july2020,
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 01-04 जून, 2020 के दौरान अरब सागर के ऊपर अत्यंत उग्र चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग‘ पर आरंभिक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रणाली की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या नीचे की गई है:
संक्षिप्त जीवन इतिहास:
अत्यंत उग्र चक्रवाती तूफान निसर्ग एक निम्न दबाव क्षेत्र से उत्पन्न हुआ जिसका निर्माण 31 मई 2020 के बिल्कुल सुबह दक्षिण पूर्व एवं समीपस्थ पूर्व मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र में हुआ था।
यह तीव्र होकर 2 जून की सुबह में पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर गहरे दबाव में तथा दोपहर में अत्यंत उग्र चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग‘ में बदल गया।
उत्तर पूर्व की दिशा में लगातार आगे बढ़ते हुए, इसने 03 जून को 0700-0900 यूटीसी (भारतीय समय के अनुसार 1230-1430) के दौरान 110-120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर वायु गति जो बढ़ कर 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई, के साथ एक अत्यंत उग्र चक्रवाती तूफान (एससीएस) के रूप में अलीबाग के दक्षिण के निकट महाराष्ट्र तट को पार किया।
जमीन से टकराने के बाद लगातार उत्तर पूर्व दिशा की ओर बढ़ते हुए, यह सायं में उत्तर मध्य महाराष्ट्र के ऊपर कमजोर होकर एक चक्रवाती तूफान में बदल गया और इसी क्षेत्र में 02 जून 2020 की मध्य रात्रि में एक गहरे दबाव में बदल गया।
यह 05 जून की दोपहर में दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश और निकटस्थ बिहार के ऊपर एक निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में केंद्रित रहा।
महाराष्ट्र तट से गुजरने वाला अंतिम चक्रवाती तूफान फायन था जिसने 11 नवंबर, 2009 को महाराष्ट्र तट को पार किया था। एससीएस निसर्ग से पहले एक एससीएस ने 24 मई, 1961 को महाराष्ट्र तट पार किया था। 1961-2020 के दौरान महाराष्ट्र तट को पार करने वाला भी यह 4था तूफान था।
निसर्ग की निगरानी:
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 21 मई से ही, अर्थात 31 मई को दक्षिण पूर्व एवं समीपस्थ पूर्व मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र के निर्माण क्षेत्र से 10 दिन पहले लगातार हर वक्त उत्तर हिन्द महासागर के ऊपर तथा प्रणाली के विकास पर निगरानी बनाये रखी। तूफान पर इनसैट 3डी एवं 3डीआर, एससीएटी सैट, पोलर औरबिटिंग उपग्रहों से प्राप्त उपग्रह पर्यवेक्षणों तथा उपलब्ध जहाजों और पानी पर तैरने वाले पर्यवेक्षणों की सहायता से निगरानी रखी गई। इस प्रणाली की निगरानी डौपलर वेदर राडार (डीडब्ल्यूआर) गोवा एवं मुंबई द्वारा भी की गई। तूफान की उत्पत्ति, ट्रैक, जमीन से टकराने तथा तीव्रता का अनुमान लगाने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित विभिन्न सांख्यिकीय मौसम पूर्वानुमानों, अन्य वैश्विक केंद्रों द्वारा संचालित मौडलों तथा डायनैमिकल-सांख्यिकीय मौडलों का उपयोग किया गया। विभिन्न मौडलों के दिशा निर्देश के विश्लेषण एवं तुलना, निर्णय निर्माण प्रक्रिया और चेतावनी उत्पाद निर्माण के लिए आईएमडी की एक डिजिटाइज्ड पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग किया गया।
पूर्वानुमान प्रदर्शन:
i) उत्पत्ति पूर्वानुमान
दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र के निर्माण के बारे में पहली सूचना 21 मई को ही, अर्थात 31 मई को दक्षिण पूर्व एवं समीपस्थ पूर्व मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र के निर्माण क्षेत्र से 10 दिन पहले विस्तारित रेंज परिदृश्य में दे दी गई थी।
दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर दबाव के निर्माण के बारे में पहली सूचना 1 जून की सुबह दक्षिण पूर्व एवं समीपस्थ पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर दबाव के निर्माण से लगभग तीन दिन पहले ही 29 मई के दोपहर 12 बजे को जारी ट्रापिकल मौसम परिदृश्य एवं राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान बुलेटिन में जारी कर दी गई थी।
ii) तूफान चेतावनी
तूफान-पूर्व निगरानी: प्रणाली की प्रत्याशित अल्प अवधि तथा 3 जून को उत्तर महाराष्ट्र एवं दक्षिण गुजरात तटों के ऊपर अनुमानित लैंडफौल के साथ चक्रवाती तूफान में इसके सघनीकरण पर विचार करते हुए 31 मई को 0830 यूटीसी (भारतीय मानक समय 1400) को जारी बुलेटिन में उत्तर महाराष्ट्र एवं दक्षिण गुजरात तटों के लिए तूफान पूर्व निगरानी जारी कर दिए गए थे, दबाव के निर्माण (एससीएस निसर्ग के जमीन से टकराने से लगभग 80 घंटे पूर्व) से पहले ही जब प्रणाली दक्षिण पूर्व एवं समीपस्थ पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव क्षेत्र के रूप में थी। यह पहली बार है कि आईएमडी द्वारा निम्न दबाव क्षेत्र चरण में तूफान पूर्व निगरानी जारी की गई थी। आम तौर पर, मानक प्रचालन प्रक्रिया के अनुसार, तूफान पूर्व निगरानी दबाव/गहरे दबाव चरण में जारी की जाती है।
तूफान अलर्ट: उत्तर महाराष्ट्र एवं दक्षिण गुजरात तटों के लिए तूफान अलर्ट 01 जून को 1150 बजे जारी बुलेटिन में किया गया था, जब प्रणाली पूर्व मध्य अरब सागर एवं समीपस्थ क्षेत्रों के ऊपर (एससीएस निसर्ग के जमीन से टकराने से लगभग 50 घंटे पहले) एक दबाव के रूप में थी।
तूफान चेतावनी: तूफान चेतावनी उत्तर महाराष्ट्र एवं दक्षिण गुजरात तटों के लिए 02 जून को 0900 यूटीसी ( भारतीय समय के अनुसार 1430 बजे) में जारी बुलेटिन में दी गई थी, जब प्रणाली पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर (एससीएस निसर्ग के जमीन से टकराने से लगभग 24 घंटे पहले) एक दबाव के रूप में थी।
जमीन पर टकराने के बाद का परिदृश्य: महाराष्ट्र के भीतरी जिलों के ऊपर अनुमानित उग्र मौसम का संकेत देते हुए जमीन पर टकराने के बाद का परिदृश्य 2 जून को भारतीय समयानुसार 2150 बजे जारी बुलेटिन में जारी किया गया जब प्रणाली पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर (एससीएस निसर्ग के जमीन से टकराने से लगभग 16 घंटे पहले) एक चक्रवाती तूफान के रूप में थी।
iii) ट्रैक, जमीन से टकराने एवं तीव्रता पूर्वानुमान:
31 मई, के 0330 यूटीसी (भारत के मानक समयानुसार 0855 बजे) पर जारी पहले बुलेटिन से, जिसमें यह संकेत दिया गया कि प्रणाली तीव्र होकर चक्रवाती तूफान में बदल जाएगी और 03 जून तक उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात तटों तक पहुंचेगी, 03 जून को जारी बुलेटिन तक, जब वास्तव में अत्यंत उग्र चक्रवाती तूफान निसर्ग ने 03 जून को 0700-0900 यूटीसी (दोपहर) के बीच 110-120 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर वायु गति के साथ अलीबाग के दक्षिण के निकट उत्तर महाराष्ट्र तट को पार किया, आईएमडी ने ट्रैक, जमीन से टकराने के बिन्दु एवं समय, तीव्रता और भारी वर्षा, तेज हवाओं तथा तूफान में बढोतरी जैसे संबंधित प्रतिकूल मौसम को लेकर बिल्कुल सटीक पूर्वानुमान लगाया था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) एवं आरएसएमसी नई दिल्ली ने सभी हितधारकों एवं आपदा प्रबंधन एजेन्सियों के योगदान को समुचित रूप से स्वीकार किया जिन्होंने एससीएस निसर्ग की सफल निगरानी, पूर्वानुमान एवं आरंभिक चेतावनी सेवा में योगदान दिया।
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चित्र की लाइन: पूर्व मध्य एवं समीपस्थ दक्षिणपूर्व अरब सागर (1 से 4 जून, 2020) के ऊपर एससीएस ‘निसर्ग’ का पर्यवेक्षित ट्रैक