गजवा-ए-हिंद का ख्वाब देखने वाले कट्टर इस्लाम संगठन PFI का जहरीला फन ऑपरेशन ऑक्टोपस के जरिए कैसे कुचला गया?
-अजीत सिंह-
Positive India:
गजवा-ए-हिंद का मजहबी ख्वाब देखने वाले कट्टर इस्लाम संगठन PFI का जहरीला फन कुचलने के लिए उस पर की गई इतनी बड़ी कार्रवाई करने के लिए केंद्र सरकार और सिस्टम ने मोदी,शाह और डोभाल के नेतृत्व मे कितनी बेहतर योजना और कितने परिश्रम से काम को अंजाम दिया…..इसे आपको भी जानना व समझना होगा………कि ऐसे बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कितनी दूरदृष्टि चाहिये,कितनी मेहनत लगती है कितना पूर्वाभ्यास करना पड़ता है….!!!
एक साथ PFI के लगभग सैकड़ों ठिकानों पर रेड मारना पाकिस्तान मे की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ही मुश्किल काम था परंतु राष्ट्रवादी सरकार और एजेंसियों की मेहनत ने यह कर डाला…अमित शाह व अजित डोभाल जी ने दिल्ली कंट्रोल रूम से पूरी रात जागकर इस ऑपरेशन की कदम कदम पर मॉनिटरिंग भी की।
हम आप तो खाने कमाने में बिजी रहते हैं परंतु देश की सुरक्षा में लगी एजेंसियां 24 घंटे देश में पनप रहे खतरों को समझने और उनके नेटवर्क को खत्म करने में लगी रहती हैं…दरअसल पिछले कुछ समय से यह खुफिया एजेंसियो को सबल इनपुट मिल रहे थे कि PFI आने वाले समय में देश में अराजकता फैलाने के लिए मुस्लिम युवाओं को कट्टर बनाने में लगा है और ISIS को भारत में पनपने के लिए आवश्यक प्लेटफार्म भी तैयार कर रहा है…पिछले 4-5 महीनों से मेरे अनुसार नूपुर शर्मा के छोटे से जवाब के बाद से अनायास भड़काये जा रहे विरोध से मिले सुराग के बाद से PFI की टॉप लीडरशिप NIA और अन्य खुफिया एजेंसियों की निगरानी में थे….सूत्र वहीं से पकड़ना प्रारम्भ किया गया…चूंकि केरल PFI का सबसे बड़ा गढ़ है इसलिए वहां पर विशेष ध्यान दिया गया..NIA अधिकारियों को पहले से ही पता था कि केरल में PFI द्वारा आतंकवादी गतिविधियां पाली पोसी जा रही हैं और इसीलिए केरल पर जोर देते हुए पहले NIA व अन्य एजेंसियों के 200 प्रशिक्षित अधिकारियों को वहां भेजा गया..इसलिये मै केवल केरल के ऑपरेशन की बात बता रहा हूं…इसी तरह शेष भारत मे भी जहरीले हरे टिड्डों का शिकार किया गया…!
ये सब अधिकारी रेड से हफ्तो पहले केरल के कई हिस्सों में पहुंचे…और उन्होंने सबले पहले PFI नेताओं के घर और उनके आफिस के लगभग 1 किमी के दायरे में कमरे किराए पर लिए…कोई नहीं जानता था कि वे क्यों आए थे और उनके इरादे क्या थे…..वहां से वे PFI नेताओं के घरों और दफ्तरों के रास्तों पर नजर रखते थे, नक्शे तैयार करके दिल्ली भेजते रहे…जहां ऑपरेशन से पहले की मॉनीटरिंग की जाती थी….!
फिर अंत मे वहां से निर्णायक अनुमति मिलने के बाद NIA,ED और अन्य गुप्तचर एजेंसियों के लगभग 200 उच्च कुशल अधिकारी केरल के कई हिस्सों में पहुंच जाते हैं….लेकिन केरल के शीर्ष पुलिस अधिकारी भी यह नहीं जानते हैं…इतना ही नही रांची से सीआरपीएफ के 10 बटालियन (750 जवान) के गार्ड वहां पहुंचे 200 अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सभी तरह के अत्याधुनिक हथियारों के साथ कोच्चि पहुंचे……वहां से वे कई समूहों में बंट गए और केरल के विभिन्न हिस्सों में पहुंच गए लेकिन तब तक वे नहीं जानते कि वे क्यों आए हैं…बेहद गुप्त ऑपरेशन था!
फिर 200 अधिकारी टीमों में बंटे..3 दिन तक लगातार मॉनिटरिंग में लगे रहे…..वे यात्रा करने के लिए टैक्सियों का उपयोग करते हैं और कैब चालक को अपना सेल फोन बंद करने के लिए कहा जाता..3 दिन की सर्विलांस खत्म होने पर उन सबको दिल्ली से यह जानकारी दी गयी कि ये ऑपरेशन ऑक्टोपस है…………………उसके बाद केरल पुलिस के उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी जाती है..।
फिर दिल्ली से रात 2 बजे मिले आदेश के बाद ऑपरेशन ऑक्टोपस अंजाम तक पहुंचाया जाता है….PFI की रीढ़ तोड़ी जाती है…..गिरफ्तार पीएफआई नेताओं को दिल्ली पहुंचाने के लिए सीमा सुरक्षा बल का विशेष विमान कोच्चि एयरपोर्ट पर तैयार रखा गया जाता है…… ये सभी 200 अधिकारी अपने ठिकानों से पास के पीएफआई नेताओं के घर और दफ्तर जाते हैं और सर्च वारंट दिखाकर तलाशी शुरू करते हैं. सुरक्षा कारणों के चलते सीआरपीएफ और लोकल पुलिस को साथ में लगाया जाता है….रेड के 4 घंटे के भीतर,विभिन्न क्षेत्रों से गिरफ्तार PFI नेताओं को कोच्चि हवाई अड्डे पर लाया गया और तैयार उड़ान से दिल्ली लाया गया….इससे पहले कि केरल सरकार कोई हस्तक्षेप करती…भोर होने तक PFI के नेता दिल्ली में थे…वास्तव मे कोई एजेंसी ऐसे ही जाकर किसी को उठाकर नहीं ले आती, पहले पूरा होमवर्क करती है……..भले ही आतंकी इस्लामिक संगठनो के लिए विपक्षी पार्टियों की छाती में दूध उतर आया हो और वे सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे हो परंतु आपको सत्य समझना चाहिए..आने वाली पीढ़ी के लिए अपने देश की सुरक्षा के लिए सत्य का साथ दे….अगर आप राष्ट्र प्रेमी हैं……अपने देश के प्रति समर्पित है तो राजनीतिक द्वेष भुलाकर निस्वार्थ भाव से राष्ट्र प्रेमी सरकार का साथ दे …और विश्वास करें कि देश का नेतृत्व सनातनी होने के साथ घोर राष्ट्रवादी है और किसी भी आंतरिक या वाह्य ताकतों के हमला करने से पहले उन्हे पूरी तरह कुचल देने का हौसला भी रखता है…..ऑपरेशन ऑक्टोपस 1और 2 इसी का प्रमाण है……मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है।
(साभार वाट्सअप)
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