मोरबी की इतनी बड़ी घटना होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के नेताओं को इसकी जानकारी कैसे थी?
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
“कल बीजेपी की गुजरात में कब्र खोदी जाएगी, रंगा बिल्ला तैयार रहें” -किशलय शर्मा, जर्मनी में रहकर आम आदमी पार्टी का दिन रात ट्विटर पर प्रचार प्रसार करता है। “कल भाजपा को गुजरात में तगड़ा झटका लगेगा” -नरेश बालियान, आम आदमी पार्टी का एमएलए, साउथ दिल्ली का डीडीसी चेयरमैन। बाकी तमाम ऐसे ट्विट्स हैं जो एक-दो दिन पहले से दावा कर रहे हैं कि मोरबी जैसी कोई जमीन हिलाने वाली घटना गुजरात में होगी।
एक बात अपने अंतस से बड़े दुखित होकर चाहता हूं, अब सरकार को चाहिए कि यदि उन्हें अपना शासन प्रशासन सुरक्षित चलाना है तो अपने किसी निगरानी विंग को एक जिम्मेदारी बढ़ा देनी चाहिए। यह कि राजनीति में खरपतवार की तरह रातो-रात नेता बनकर उभरे लोगों की टि्वट्स पोस्ट्स पर लगातार नजर बनाए रखें, ताकि समय रहते पता चल सके कि कौन सी दुर्घटना होने वाली है।
सत्य है कि भीड़ ज्यादा थी। यह भी सत्य है कि रिनोवेशन में काफी लापरवाही बरती गई। लेकिन क्या यह सवाल नहीं कि इतनी बड़ी घटना होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं को इसकी जानकारी कैसे थी? रातो रात मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बन जाने का यह कैसा प्लान है? स्कूल और हॉस्पिटल के नाम पर राजनीति करके ड्रग्स और शराब परोसने वाली राजनीति से अब ना केवल मन दुखी होता है, बल्कि मन बजबजा उठता है।
अगली बार से संबंधित केंद्रीय एजेंसियों को चाहिए कि वह छोटे से छोटे छुटभैय्ये नेताओं पर उनकी गतिविधियों पर अपनी निगरानी अवश्य रखें। क्योंकि आतंकवादी संगठन पर सूचनाएं इकट्ठा करना अब उतना मुश्किल नहीं है। आतंकवादियों की चुनौती भी सामने से होती है, काफी सूचनाएं पहले से मालूम होती है। लेकिन देश के अंदर अति सीमा से उपर महत्वाकांक्षा रखने वाले निश्चित तौर पर ज्यादा खतरनाक हैं।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)