हिन्दी पे है नाज हमें हिंदी वरदान है।
आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई।
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
शब्दों की प्रचूरता है,भावों की विवेचना है,
मातृभाषा हिन्दी मेरी, भारत की शान है।
दादी माँ की मीठी लोरी, परियों की है कहानी,
बच्चों की पढाई और, खुला आसमान है।
गीत छंद काव्य में है, लेखनी की धार में है,
कवियों की जननी है, माता के समान है।
वंदना के स्वर में है, और उद् घोष में भी,
हिन्दी पे है नाज हमें, हिंदी वरदान है।
लेखक:कवि राजेश जैन ‘राही’, रायपुर।