
नमाज पढ़ने जा रहा यह रंगा सियार उत्तर प्रदेश का पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा हैं
-दयानंद पांडेय की कलम से-

Positive India: Dayanand Pandey:
नमाज पढ़ने जा रहे कि नमाज पढ़ कर आ रहे यह रंगा सियार उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा हैं।
रविदास मेहरोत्रा की ख़ास ख़ासियत यह है कि यह लंबे समय तक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक रहे हैं । इतना ही नहीं अस्सी के दशक में भारतीय जनता युवा मोर्चा में मंत्री भी थे। सत्तर के दशक में विद्यार्थी परिषद के टिकट पर लखनऊ विश्विद्यालय छात्र संघ के मंत्री भी । उप मुख्य मंत्री बृजेश पाठक से कुछ साल सीनियर रहे हैं लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ की राजनीति में। रविदास मेहरोत्रा भाजपा के नुमाइंदे थे और बृजेश पाठक हरिशंकर तिवारी के।
रविदास मेहरोत्रा का यह कायांतरण समाजवादी पार्टी और इस्लाम के लिए कितना सुखद है , उन की अभिव्यक्ति की इस स्वतंत्रता से बख़ूबी समझा जा सकता है। एक वीडियो जो मुझे दिखा , उस में रविदास मेहरोत्रा बहुत कोशिश के बावजूद , नमाज़ के लिए बैठ भी नहीं पा रहे , झुक कर सजदा तो बहुत दूर की कौड़ी है। जाने स्वास्थ्य का कारण है या कुछ और। वही जानें।
सब लोग सजदे में हैं और यह आधे झुके हुए खड़े हैं। धोबी का कुत्ता बने न घर के हैं , न घाट के। पर औरंगज़ेब टाइप की आत्मा की प्रसन्नता का अंदाज़ा आप लगा सकते हैं। भाईचारे की यह अनूठी मिसाल भी बेमिसाल है। गऊशाला से आती दुर्गंध का ऐसा निवारण , और उस का यह अनावरण भी ख़ूब है। संजय लीला भंसाली की फ़िल्म गुज़ारिश में ए एम तुराज़ का लिखा गाना याद आता है :
ये तेरा ज़िक्र है या इत्र है
जब जब करता हूँ
महकता हूँ चहकता हूँ
जब टूट कर चाहा है तुम्हें
तब टूटा हुआ जुड़ा हूँ मैं
तुमसे जुड़ा हूँ न तुमसे जुदा हूँ
तेरा हुआ हूँ।
जियो रजा रविदास मेहरोत्रा !
ईद मुबारक़ !
बस इतना याद रखिएगा कि आप काफ़िर हैं ! कोई सिरफिरा कठमुल्ला ठीक से सजदा न करने के जुर्म में सिर तन से जुदा न कर दे !