कोरोना कहर के बीच डॉक्टर व पुलिस का प्रशंसनीय योगदान
शाहीन बाग में बिरयानी खिलाने वाले कहां गायब हो गए?
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
आज देश का और लोगो का पूरा ध्यान कोरोना जैसे विषय पर ही है । पश्चिमी देशो को देखने के बाद, आज के हालात मे हम लोग काफी बेहतर स्थिति मे है । पश्चिम देशो ने पहले हल्के मे लिया, फिर इस बिमारी ने इन लोगो को घुटने मे लाकर रख दिया । हमने पहले ही सुरक्षा के इंतजाम कर लिये; कारण हमारे नेतृत्व ने आने वाले समय को भांप लिया था । पर न चाहते हुए भी कुछ कारणो से हमे दिल्ली जैसे दृश्य भी देखने को मिले वो दुर्भाग्य पूर्ण है । पर यह देश इतना बड़ा है कि इस तरह की छोटी-मोटी चीज़े चलती रहेंगी । कुछ शिकायते है जो इतने बड़े लाॅकडाउन मे आती रहेंगी । पर इससे निजात पाने का रास्ता भी खुद को ढूंढना होगा ।
मै देखता हू तो आश्चर्य भी होता है कि जीने के लिए लोग अपना रास्ता ढूंढ लेते है । मेरे यहा एक चाट वाला है, अब उसका चाट ठेला बंद हो गया । बंदे ने शासन को कोसने के बदले उसने समय के अनुसार सब्जी का व्यवसाय चालू कर दिया । जिसको जरूरत की चीज मानकर छूट दी गई है । ऐसे बहुत उदाहरण है। अभी दूध वाले काफी परेशान है । अब वो समय देखने के बाद दूध का खोवा बना रहे है । देश अभी मुश्किल हालात मे है। रास्ता अपने को ही निकालना होगा । आज जिसको जो भी दिख रहा है और जो उसकी हैसियत है, उसी आधार पर सहयोग कर रहा है ।
मेरे को तो वो लोग नही दिखाई दे रहे है, जिन्होने सौ दिन तक शाहीन बाग मे बिरयानी खिलाई थी । पर आज, ये लोकतंत्र के हिमायती, ऐसे मुश्किलात मे गायब हो गए है । पर एक आध अपवाद को छोड़कर, सभी राज्यो के मुख्यमंत्रियो ने इस लड़ाई को लड़ने के लिए लोगो को प्रेरित भी किया है और जमीनी स्तर पर यह उससे सामना भी कर रहे है ।
देश के डाक्टर काफी बधाई के पात्र है, जिन्होने अपने को झोंक दिया है । जब कोरोना से पाजिटिव लोगो की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो सीना फूल जाता है । कुछ मौतो को छोड़ दे तो काफी अच्छे ही समाचार आ रहे है ।
मै पुलिस की, इस समय के तनाव पूर्ण माहौल मे भी, इतनी सकारात्मक भूमिका, निश्चित बधाई के पात्र है । जमीनी स्तर पर हालात पर नियंत्रण इन्ही लोगो को करना पड़ता है । आजकल यह देवदूत का काम करने लगे है, जो इस समय की मांग है ।
वही मीडिया कर्मी भी देश के हालात से अवगत करा रहे है । अब हमारी जिम्मेदारी है। हम घर मे लाॅकडाउन रहकर ही देशभक्ति दिखा सकते है । आप पहले ऐसे योद्धा होंगे, जो घर मे ही रहकर लड़ाई का काम कर रहे है ।आप सब से निवेदन है कि मात्र आप अपनी रक्षा करे । आज बस इतना ही ।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ-अभनपूर