हरियाणा में सभी शहरी स्थानीय निकाय खुले में शौच मुक्त
21 यूएलबी ‘ओडीएफ +’ और 13 यूएलबी ‘ओडीएफ ++’ प्रमाणित
Positive India:Delhi;9 September, 2020.
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा है कि हरियाणा में सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ), 21 यूएलबी को ओडीएफ + और 13 यूएलबी को ओडीएफ ++ प्रमाणित किया गया है। पंजाब के सभी शहरों को ओडीएफ प्रमाणित किया गया है, 33 को ओडीएफ + और 17 को ओडीएफ ++ प्रमाणित किया गया है। चंडीगढ़ ओडीएफ ++ और 3 स्टार (जीएफसी) प्रमाणित है। पंजाब, हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के सभी वरिष्ठ अधिकारियों और आवास एवं शहरी मंत्रालय में सचिव ने इन राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश से अनुरोध किया है कि उनके सभी यूएलबी की स्थिति ओडीएफ + और ओडीएफ ++ हो। उन्होंने ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान यह भी कहा कि अपशिष्ट मुक्त शहर का दर्जा प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। हरियाणा सरकार की मुख्य सचिव सुश्री केशनी आनंद अरोड़ा, पंजाब सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन, चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार श्री मनोज कुमार परिदा ने बैठक में भाग लिया। इसके अलावा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के मिशन निदेशक भी इसमें शामिल हुए।
हरियाणा राज्य ने 71,000 इकाइयों के लक्ष्य के मुकाबले 65,829 (93%) आईएचएचएल यूनिटों का निर्माण और 10,394 सीटों के लक्ष्य के मुकाबले 11,374 सीटी / पीटी सीटों का निर्माण किया है। चंडीगढ़ ने 6,117 आईएचएचएल का लक्ष्य अर्जित किया और 976 के लक्ष्य की तुलना में 2,423 सीटी / पीटी सीटों का निर्माण किया है, जबकि पंजाब ने अब तक 1,00,157 (99%) आईएचएचएल और 6,435 सीटी / पीटी सीटों का निर्माण किया है। राज्यों से आईएचएचएल लक्ष्यों को तेजी से प्राप्त करने का अनुरोध किया गया है।
वर्तमान में चंडीगढ़ अपने सृजित 482 टीपीडी अपशिष्ट का 91%, जबकि हरियाणा अपने 4,895 टीपीडी अपशिष्ट का 50% प्रसंस्करण कर रहा है और पंजाब अपने 4,108 टीपीडी अपशिष्ट के 71% का प्रसंस्करण कर रहा है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव ने इन राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेश से अपनी प्रसंस्करण क्षमता बढ़ाने का अनुरोध किया।
पंजाब और हरियाणा ने क्रमश: 97% एवं 94% घरों से अपशिष्ट संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लिया है। चंडीगढ़ ने तो शत-प्रतिशत घरों से अपशिष्ट संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लिया है। पंजाब के 77 प्रतिशत वार्डों में ठोस एवं गीले अपशिष्ट को अलग-अलग करने का काम सावधानीपूर्वक किया जा रहा है, जबकि हरियाणा के 65 प्रतिशत वार्डों में यह काम बड़े ध्यान से किया जा रहा है। इसी तरह चंडीगढ़ के 92 प्रतिशत वार्डों में ठोस एवं गीले अपशिष्ट को अलग-अलग करने का काम किया जा रहा है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव ने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेश से ठोस एवं गीले अपशिष्ट को शत-प्रतिशत अलग-अलग करने का काम जल्द- से-जल्द सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।