राही के तीर -राजनैतिक लड़ाई का कटु सत्य
मोदी जी कृपया स्व.राजीव गाँधी को चुनाव में घसीट कर अपना नुकसान न करें।
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
तू-तू मैं-मैं आ गई है, द्वार पे अदालत के,
स्वर्गवासियों के नाम, आ गए मैदान में।
जै जवान जै किसान, भूल गए राजनेता,
चोर चौकीदार बस, रहता जुबान में।
कोई भारती का नाम, लेने से भी कतराए,
कोई रखे आरक्षण, अपनी दुकान में।
बनना तो चाहें कुछ, देश के प्रधान पर,
दिल पड़ा रहे कहीं, दूर पाकिस्तान में।
(मोदी जी कृपया स्व.राजीव गाँधी को चुनाव में घसीट कर अपना नुकसान न करें। “ममता दीदी का थप्पड़ मेरे लिए आशीर्वाद है” कहकर आपने अपनी सहृदयता का परिचय दिया है।)
लेखक:राजेश जैन राही, रायपुर