Positive India:Rajesh Jain Rahi:
हरा-भरा हरियाणा, सूखा सूखा लगता है,
फूल वो कमल वाला, जरा मुरझाया है।
हार गए हीरो कुछ, जीरो कुछ जीत गए,
दिवाली ने मजेदार, फैसला सुनाया है।
‘अन्य’ से समीकरण, जोड़ने में लगे लोग,
‘धन-धान्य’ वाला आज, मौका हाथ आया है।
ताज होगा काँटो वाला, हुक्का बीड़ी खाटों वाला,
देखना है ‘ताऊ’ अब, कौन आने वााला है।
लेखक:कवि राजेश जैन राही, रायपुर