हर मुद्दे पर राय देना और बोलना उचित नहीं
राम जी पे बोलना, तो सब चाहते हैं पर
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
राम जी पे बोलना, तो सब चाहते हैं पर,
रखे राम सा जो दिल, वही हकदार है।
भावना हो संत जैसी, साध हनुमंत जैसी,
राम की विवेचना का, उसे अधिकार है।
प्रेम का प्रवाह रहे, सत्य पे निगाह रहे,
न्याय की कलम प्रभु, राम का आधार है।
पढ़कर रामजी को, जानना सरल नहीं,
भाव भरे पृष्ठ पर, राम जी का सार है।
लेखक:कवि राजेश जैन राही, रायपुर।