स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं सहित सरकारों द्वारा किए गए काम का विश्लेषण
Happy Independence Day
Positive India:Dr.Chandrakant Wagh:
इस पंद्रह अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस को देश को आजाद हुए 73 साल हो गए है । इन 73 सालों मे देश ने बहुत कुछ देखा है । पर हमनें जो चाहा क्या वो मिल गया? यह प्रश्न सामान्य लोगों के लिए आज भी अनुत्तरित है । पर जो परिवर्तन दिख रहे है, वो आज के संचार क्रांति के माध्यम से ही संभव हुआ है । निश्चित ही लोगों के जीवन स्तर में काफी परिवर्तन हुआ है । कहने मे कहीं कोई संकोच नहीं है कि लोग शासकीय दस्तावेज मे गरीब है, पर सामाजिक दृष्टि से संपन्न है ।
गरीब और संपन्न का खेल सिर्फ सुविधा लेने तक ही सीमित रहता है । किसी समय जिस कस्बे मे एक फोन नहीं दिखाई देता था, आज वहां के लोग भी फोर जीबी डाटा वाला फोन उपयोग कर रहे हैं । अब तो गांवो में भी कोरोना के चलते शासकीय स्कूलो में भी आन लाइन ही बच्चे पढ़ रहे है।
जब हम स्वतंत्रता दिवस पर विश्लेषण करते हैं तो पाते हैं कि जिन गांवों में सायकिल भी इनी गिनी दिखती थी, वहा तो दो चक्को के वाहनों की तो लाइन ही लग गईं है । संपन्न लोगों के यहां तो महंगी गाडियाँ वहां की शान बढा रहे है । इन 73 सालों मे गांवों तक सडकों के निर्माण से आवागमन ज्यादा सुविधाजनक हो गई है । आराम से आवागमन और फोन की सुविधा ने हर के जीवन स्तर में काफी बदलाव लाया है ।
आज ग्रामीण परिवेश में रहने वालो के शिक्षा स्तर मे आश्चर्यजनक परिवर्तन देखने को मिले है । करीब करीब हर बडे गांव में या उसके आसपास उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का जाल सा बिछा दिया गया है । जिससे लड़को के साथ लड़कियों बढचढ कर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । शिक्षा का व्यापक असर समाज के हर वर्ग में देखने को मिल रहा है ।
मनोरंजन और ज्ञान का खजाना टीवी देश विदेश की नवीनतम जानकारी हर ग्रामीण को अपने माध्यम से दे रहा है जिससे आजका समाज जागरूक हो गया है । इसकी वजह से राजनैतिक चेतना जागृत हो चुकी है, जो हमारे लोकतंत्र के लिए लाभदायक है ।
जिन गांवों में शाम के बाद समय काटने के लिए सोचना पड़ता था, आज इसी मनोरंजन के माध्यम से यह समझ नहीं आता कि हम शहर मे है या गांव मे।
शासन ने गांवों में भी पीने के पानी की समस्या का हल कर लिया है । अब जहां पीने का साफ पानी पीने को मिल रहा है, वही पानी से संबंधित बैक्टीरियल बिमारियों पर भी अंकुश सा लग गया है । नहीं तो पहले डायरिया आदि से बच्चो की जान तक चली जाती थी ।
स्वास्थय विभाग के मितानिन आदि लोगों के माध्यम से सरकार ने घर घर में वैक्सीन और प्राथमिक बिमारीयो को लोकल स्तर पर ही नियंत्रण पा लिया है । यह बहुत बड़ी उपलब्धि है । हमे केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की तारीफ करनी होगी कि इन्होंने 104 एक 108 आदि की एम्बुलेंस की सुविधा, वो भी निःशुल्क! मुहैया कर, गंभीर बिमारीयो के मरीजो के लिए संजीवनी का काम किया है । यही कारण है कि आज हम कोरोना जैसे महामारी में भी अच्छे से उससे लड़ पा रहे है ।
निश्चित ही स्वतंत्रता दिवस के 73 सालों बाद लोगों मे जागरूकता, उनके खुद के लिए अच्छा है ही, यह देश के लिए भी एक शुभ संकेत है । शायद यह लोकतांत्रिक माहौल का ही असर है। जागरूकता ही इस लोकतंत्र की कुंजी है । आजादी के बाद हमारे सभी सरकारो ने जो काम किया है, वो जमीनी स्तर पर होते दिख रहा है ।
अभी भी हमारी बहुत मंजिले बाकी है, जहां हमे अभी पहुंचना है । हमें हर मामले में पाश्चात्य देशों की पंक्ति मे आकर खड़ा होना है । जब भी विश्व में किसी भी देश के बारे में कहा जाए तो यह हमारा ही देश होना चाहिए । इस देश के उज्जवल भविष्य की कामनाओं सहित स्वतंत्रता दिवस की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं । बस इतना ही।
लेखक:डा.चंद्रकांत वाघ-अभनपूर