पॉजिटिव इंडिया:राजेश जैन राही:29 अप्रैल 20:
हनुमन्त आ गए हैं, विप्र वेश धर कर,
राम-राम भरत को, देख रटने लगे।
राम का संदेशा सुन, भावुक हुए भरत,
भाव भरे नयनों से, नीर बहने लगे।
आ रहे अवध प्रभु, मिलते ही सूचना ये,
गलियों में खुशियों के, दीप जलने लगे।
माताओं के भाव को न, लिख सके कवि कोई,
राम राम राम बस, राम दिखने लगे।
लेखक:राजेश जैन राही-रायपुर ।