हमला सलमान रश्दी पर , चड्ढी पीली हो गई लाल सिंह चड्ढा की
-दयानंद पांडेय की कलम से-
Positive India:Dayanand Pandey:
सलमान रश्दी पर क़ातिलाना हमला हो गया। वेंटिलेटर पर हैं। पर हमारे भारतीय लेखक सलमान रश्दी पर हमले को भूल कर लाल सिंह चड्ढा को हिट करवाने और फ्लॉप करवाने की अंत्याक्षरी में व्यस्त हैं। कितने खोखले और हिप्पोक्रेट हो गए हैं हमारे लेखक , पत्रकार , कलाकार और बुद्धिजीवी। अरे आप असहमत हैं सलमान रश्दी से तो असहमत रहिए। लेकिन क़ातिलाना हमले पर अफ़सोस भी नहीं जता सकते ?
तिस पर असहिष्णुता का पहाड़ा पढ़ने में अव्वल रहेंगे। इसी असहिष्णुता के पाखंडी पहाड़े में मिस्टर परफेक्ट के लाल सिंह चड्ढा की चड्ढी पीली हो गई है। करोड़ो रुपए डूब गए हैं। बीस लोग भी नहीं पहुंच रहे फ़िल्म देखने। सिनेमा प्रबंधन नोटिस लगाए जा रहा है कि सिनेमा शुरु करने के लिए कम से कम पंद्रह टिकट बिकना ज़रुरी है। तभी सिनेमा शुरु होगा। और भाई लोग अपनी समीक्षाओं में लाल सिंह चड्ढा को सुपरहिट किए बैठे हैं। रश्दी को भूल बैठे हैं। अजब प्राथमिकता है
अंगरेजी फ़िल्म फारेस्ट गंप [ Forrest Gump ] की हूबहू कॉपी लाल सिंह चड्ढा पर निसार हुए बैठे हैं। जान से ज़्यादा एजेंडा महत्वपूर्ण हो गया है। लाल सिंह चड्ढा महत्वपूर्ण हो गया है। दूसरा कैंप , बहुसंख्यक का पैरोकार है। बिना देखे फिल्म को पिटवा देने में दिन-रात मसरुफ़ है। अजब मंज़र है हमारे साहित्य , कला और सिनेमा का मौजूद दौर में। पृष्ठ भाग लाल हो गया है लेकिन एजेंडा है कि जारी है। तिरंगा यात्रा ने इस एजेंडे के पृष्ठ भाग को लाल मिर्च लगा कर गरम तवे पर बैठा दिया है। ख़ुदा ख़ैर करे !
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)