पॉजिटिव इंडिया:जेवर ;
उत्तर प्रदेश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमानतल की आधारशिला रखी और केंद्र तथा उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर ‘‘स्वार्थ की राजनीति’’ करने का आरोप लगाते हुए उन्हें राज्य के इस पश्चिमी हिस्से के विकास को नजरअंदाज करने का दोषी ठहराया।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनकी राष्ट्र भक्ति के आगे कुछ राजनीतिक दलों की स्वार्थ नीति कभी नहीं टिक सकती।
प्रधानमंत्री ने विमानतल की आधारशिला रखने के बाद वहां उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र व उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों ने कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नजरअंदाज किया, उसका जीता-जागता उदाहरण जेवर विमानतल है।
उन्होंने कहा कि दो दशक पहले उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने इस परियोजना का सपना देखा था लेकिन बाद में यह विमानतल कई सालों तक दिल्ली और लखनऊ की सरकारों की खींचतान में उलझा रहा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार ने तो बाकायदा चिट्ठी लिखकर तत्कालीन केंद्र सरकार को इस परियोजना को बंद करने को कह दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘अब ‘डबल इंजन’ की सरकार के प्रयासों से आज हम उसी विमानतल के भूमिपूजन के साक्षी बन रहे हैं।’’
केंद्र व राज्य में एक ही दल की सरकार को आम तौर पर भाजपा की ओर से ‘‘डबल इंजन’’ की सरकार कहा जाता है।
विपक्षी दलों पर प्रधानमंत्री ने ‘‘स्वार्थ को सर्वोपरि’’ रखने का आरोप लगाया और कहा कि इसके उलट भाजपा-नीत सरकारों का मंत्र ‘‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास’’ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों (विपक्षी दलों) की सोच रही है… अपना स्वार्थ… सिर्फ अपना खुद का…परिवार का विकास। जबकि हम राष्ट्र प्रथम की भावना पर चलते हैं। हमारी राष्ट्रभक्ति के सामने… हमारी राष्ट्र सेवा के सामने… कुछ राजनीतिक दलों की स्वार्थ नीति कभी टिक नहीं सकती।’’
विगत एक महीने में देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए विकास योजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में 21वीं सदी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अनेक आधुनिक परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यही गति, यही प्रगति एक सक्षम और सशक्त भारत की गारंटी है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसंरचना विकास उनके लिए राजनीति का नहीं बल्कि राष्ट्रनीति का हिस्सा है और उनकी सरकार सुनिश्चित करती है कि ‘‘ऐसी परियोजनाएं अटके, लटके और भटके नहीं और वह समयसीमा में पूरी हों।’’
मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अभाव और अंधकार में बनाए रखा और उसे हमेशा ‘‘झूठे सपने’’ दिखाए, वही राज्य आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है। उन्होंने दावा किया कि आजादी के सात दशक बाद पहली बार उत्तर प्रदेश को वह सब मिलना शुरु हुआ है, जिसका वह हमेशा से हकदार रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश, देश में संपर्क के सबसे बेहतर क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है।’’
नोएडा विमानतल के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश पांच अंतरराष्ट्रीय विमानतलों वाला देश का एकमात्र राज्य बन जाएगा।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे। विमानतल का शिलान्यास करने से पहले प्रधानमंत्री ने आदित्यनाथ और सिंधिया के साथ परियोजना के एक मॉडल का अवलोकन किया और इससे संबंधित एक लघु फिल्म भी देखी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि जेवर विमानतल के बन जाने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नयी ऊंचाई मिलेगी और यहां के किसानों द्वारा पैदा किए गए ‘‘गन्ने की मिठास को अंतरराष्ट्रीय उड़ान मिलेगी।’’
सिंधिया ने अपने संबोधन में दावा किया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल बन जाने से जिस प्रकार दक्षिण दिल्ली और गुरुग्राम का विकास हुआ, उसी प्रकार जेवर विमानतल के बन जाने के बाद इस पूरे क्षेत्र का विकास होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह विमानतल दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय विमानतल को भी पीछे छोड़ देगा।
कार्यक्रम स्थल पर उमड़े जनसमूह में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के कार्यकर्ताओं की बड़ी मौजूदगी रही। पूरे कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ‘‘जय श्री राम’’ और ‘‘मोदी-मोदी’’ के नारे लगाए।
करीब 1,330 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस विमानतल से सितंबर, 2024 तक उड़ानों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। इसके पहले चरण को 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है।
नागर विमानन मंत्रालय के मुताबिक, परियोजना का पहला चरण पूरा होने के बाद इस विमानतल से सालाना 1.2 करोड़ यात्री हवाई यात्रा कर सकेंगे। विकास के सभी चारों चरण पूरे होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी।
यह देश का पहला निवल शून्य उत्सर्जन (नेट जीरो एमिशन) विमानतल भी होगा। इस विमानतल की एक और खासियत यह होगी कि इसकी परिकल्पना भारत में पहले एकीकृत ‘‘मल्टी मॉडल कार्गो’’ केंद्र के रूप में की गई है।
नोएडा में बन रहा यह विमानतल, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दूसरा अंतरराष्ट्रीय विमानतल होगा और इससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय विमानतल पर यात्रियों का दबाव कम होगा। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अलावा अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के अन्य इलाकों के निवासियों को भी इससे फायदा होगा।
शुरुआत में इस विमानतल पर दो हवाईपट्टियां चालू होंगी। इसके विकास का अनुबंध ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को दिया गया है।
उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय विमानतल हैं जबकि अयोध्या में विमानतल का निर्माण कार्य जारी है।
उत्तर प्रदेश में जेवर के अलावा सात अन्य विमानतलों का भी विकास किया जा रहा है, जिसमें अयोध्या भी शामिल है। अलीगढ़, चित्रकूट, आजमगढ़, मुरादाबाद और श्रावस्ती में भी विमानतल प्रस्तावित हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि नोएडा विमानतल उत्तर भारत के लिए एक प्रवेश-द्वार साबित होगा और इससे राज्य की सूरत बदल जाएगी।
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