पॉजिटिव इंडिया:रायगढ़, 30 नवम्बर 2020
कलेक्टर भीम सिंह ने कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्र में धार्मिक एवं अन्य कार्यक्रम आयोजन हेतु जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की कड़ाई से पालन करने के शर्त पर नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19)संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को ध्यान में रखते हुये 30 नवम्बर 2020 गुरूनानक जयंती पर्व के लिये दिशा-निर्देश जारी किये है।
जारी निर्देश के तहत गुरूनानक जयंती पर्व (गुरूपर्व)30 नवम्बर 2020 के कार्यक्रम गुरूदारे के भीतर ही संपन्न किया जाये। गुरूनानक जयंती पर्व हेतु नगर कीर्तन, रैली, शोभा यात्रा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं होगी। इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार सुनिश्चित किया जाये। गुरूदारे हाल के भीतर निर्धारित क्षमता के केवल 50 प्रतिशत व्यक्ति ही एक समय में प्रवेश करेंगे, इस हेतु प्रबंधन समिति सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। गुरूदारे के भीतर गुरूलंगर का प्रसाद व किसी अन्य सामग्री के वितरण की अनुमति नहीं होगी। सभी कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेसिंग का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये, इस हेतु गुरूद्वारा प्रबंधन समिति के द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये। कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के गुरूदारे के भीतर प्रवेश नहीं करेगा। गुरूद्वारा के प्रवेश द्वार के समक्ष प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्तियों का सेनेटाइजर से सेनेटाइज किया जाये, प्रबंधन समिति के द्वारा गुरूद्वारे के भीतर समय-समय पर सेनेटाईजर का छिड़काव करेगी। गुरूद्वारा के भीतर किसी भी स्थान पर भीड़ न हो, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करें। गुरूनानक जयंती पर्व में ग्रीन फटाका फोडऩे की अनुमति होगी, फटाके फोडऩे की अवधि केवल 2 घंटे (रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक) की होगी। सभी कार्यक्रम रात्रि 10 बजे तक पूर्ण कर लिया जाये। गुरूपर्व के आयोजन स्थलों में छोटे बच्चों एवं बुजुर्ग/वृद्ध को जाने की अनुमति नहीं होगी। प्रबंधन समिति इस हेतु आवश्यक व्यवस्था कोरोना संक्रमण को देखते हुये सुनिश्चित करेंगे। गुरूनानक जयंती पर्व स्थलें में किसी प्रकार के बाजार, मेला, दुकान इत्यादि लगाने की अनुमति नहीं होगी एवं गुरूनानक पर्व स्थलों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। आयोजक/आयोजनकर्ता कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये भारत सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छ.ग.शासन द्वारा समय-समय पर कोरोना महामारी से सुरक्षा हेतु दिये जा रहे निर्देशों का कड़ाई से पालन अनिवार्य रूप से करेंगे। उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सहपठित एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1987 यथा संशोधित एवं भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 के अंतर्गत विधि अनुकूल कठोर कार्यवाही की जायेगी।